आज़मगढ़: BTC 2015 के प्रवेश में हुई गड़बड़ी आई सामने…मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने लिया संज्ञान!
आज़मगढ़ : मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी के निर्देश पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मऊ में वर्ष 2015 में बीटीसी में हुए प्रवेश की हुई जांच में वहाँ पर 9 अभ्यर्थियों द्वारा कूटरचित अंकपत्रों के आधार पर मेरिट बढ़ाकर प्रवेश लिये जाने का मामला प्रकाश में आया है। यह भी उल्लेखनीय है कि केवल 2015 में प्रवेश पाये अभ्यर्थियों में से मा0 50 अभ्यर्थियों के अंकपत्रों की जाँच में 9 अभ्यर्थियों द्वारा कूटरिचत अंकपत्र के आधार पर प्रवेश लिये जाने की स्थिति स्पष्ट हुई है। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी के बार बार निर्देश दिये जाने के बावजूद वर्ष 2015, 2016, 2017 में 2018 में प्रवेश लेने वाले समस्त अभ्यर्थियों का सत्यापन न कराये जाने के लिए वर्ष 2015 से 2020 तक डायट ; जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मऊ में कार्यरत प्रभारी प्राचार्य राजीव रंजन मिश्रा उप प्राचार्य उदय प्रकाश मिश्र व रामचन्द्र सिंह यादव वरिष्ठ प्रवक्ता वीरेन्द्र सिंह शिव प्रसाद यादव व केशरी नरायन कपूर के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित किये जाने हेतु शासन को संस्तुति भेज दी है। इसके अलावा उन्होंने मण्डल के तीनों जनपदों में बीटीसी में प्रवेश लेने वाले सभी प्रशिक्षुओं के अंकपत्रों का सत्यापन कराये जाने की भी संस्तुति की है। मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने प्रकरण के सम्बन्ध में बताया कि डायट मऊ में वहाँ के स्टाफ द्वारा बीटीसी बैच 2015 में एक छात्राध्यापक अभय कुमार मौर्य को फर्जी अंकपत्र द्वारा ज्येष्ठता उच्चकर प्रवेश दिलाया गया है। इसके अलावा भी उक्त प्रार्थना पत्र में कई अनियमितताओं का उल्लेख किया गया था। उन्होंने बताया कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसकी जाँच की जिम्मेदारी संयुक्त शिक्षा निदेशक एपी वर्मा को सौंपी गयी है जिन्होंने गहन जांच कर विस्तृत आख्या उपलब्ध कराई। संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा उपलब्ध कराई आख्या से स्पष्ट हुआ कि सतत् अनुश्रवण किये जाने पर डायट मऊ के प्राचार्य द्वारा वर्ष 2015 बैच के 200 में से केवल 50 अभ्यर्थियों के हाईस्कूलए इण्टर मीडिएट तथा स्नातक के अंकपत्रों का सत्यापन कर आख्या प्रेषित की गयी जिसमें से 9 अभ्यर्थियों प्रमोद यादव सीमा यादव रूबी यादव रागिनी यादव सोनम यादव धर्मेन्द्र यादव अभय कुमार मौर्यए अन्जली सिंह तथा गौरव सिंह द्वारा जो अंक पत्र काउन्सिलिंग के समय दिये गये हैं वेबसाइट पर उपलब्ध अंकपत्रों से काफी भिन्न है। इस प्रकार कूटरचित अंकपत्रों के आधार पर मेरिट बढ़ाकर बीटीसी में प्रवेश लिये जाने की पुष्टि हुई। मण्डलायुक्त ने यह भी बताया कि जाॅंच में यह भी स्पष्ट हुआ कि डायट के प्राचार्य द्वारा बैच 2016ए 2017 एवं 2018 के प्रशिक्षुओं के अंकपत्रों का भी सत्यापन नहीं कराया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 के अन्य अभ्यर्थियों द्वारा तथा 2016ए 2017 एवं 2018 के अभ्यर्थियों द्वारा भी कूटरचित अंकपत्र के आधार पर मेरिट बढ़ाकर प्रवेश लिये जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि समस्त प्रशिक्षुओं का सत्यापन अद्यावधि न कराये जाने से डायट मऊ के प्राचार्य की स्थिति संदिग्ध प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि मण्डल में लगभग 300 स्ववित्तपोषित बीटीसी कालेज संचालित हैं जिसमें प्रति वर्ष प्रति कालेज 50 या 100 अभ्यर्थियों का प्रवेश लिया जाता है तथा जनपद के बीटीसी कालेजों में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों के अंकपत्रों के सत्यापन के सम्बन्ध में डायट मऊ को कोई जानकारी नहीं है। इस प्रकार मऊ में बड़े पैमाने पर अनर्ह अभ्यर्थियों के प्रवेश लिये जाने की संभावना है। डायट मऊ में 2015 के बैच में प्रवेश दिये जाने में की गयी अनियमितता तथा 2015, 2016, 2017, 2018 में सभी अभ्यर्थियों को सत्यापन अद्यावधिक तक न कराये जाने के कारण मण्डलायुक्त ने जहाँ उक्त अवधि में कार्यरत प्रभारी प्राचार्य सहित कुल 6 लोगों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित करने की संस्तुति की है वहीं मण्डल में इन वर्षों में बीटीसी में प्रवेश लेने वाले सभी प्रशिक्षुओं के अंकपत्रों का सत्यापन भी कराये जाने की संस्तुति की है।