48वीं GST काउंसिल की बैठक, हो सकते हैं कई अहम फैसले
माल एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की 48वीं बैठक शनिवार, 17 दिसंबर 2022 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने जा रही है। इस बैठक में वित्त राज्य मंत्रियों के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में कई बड़े और अहम फैसले होने हैं।
बैठक के संबंध में वित्त मंत्रालय के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर जानकारी साझा की गई है। ट्वीट में लिखा है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज नई दिल्ली में वर्चुअल माध्यम से GST परिषद की 48वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगी। इसी संबंध में एक अन्य ट्वीट में जानकारी दी गई है कि इस बैठक में वित्त राज्य मंत्रियों के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार व राज्य सरकार के अधिकारी भी शामिल होंगे।
Union Finance Minister Smt. @nsitharaman chairs the 48th meeting of the GST Council via virtual mode, in New Delhi, today. (1/2) pic.twitter.com/no4Q4XGSaF
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) December 17, 2022
कई अहम मुद्दों पर फैसला होने की उम्मीद
आज की बैठक में जीएसटी कानून के तहत अपराधों को गैर-अपराधीकरण, अपीलीय न्यायाधिकरणों की स्थापना और पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को रोकने के लिए तंत्र जैसे कई मुद्दों पर फैसला होने की उम्मीद है।
इसके अलावा मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह (GoM) ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट सौंपी। GST काउंसिल कर अधिकारियों की एक रिपोर्ट पर भी विचार करेगी और कुछ वस्तुओं एवं सेवाओं में दर प्रयोज्यता पर स्पष्टता देगी।
ऑनलाइन गेमिंग और कसिनो को लेकर GST पर विचार विमर्श की संभावना
इसके अलावा बैठक में GST कानून के कुछ प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने को लेकर भी अधिकारियों की समिति की एक रिपोर्ट पर भी विचार विमर्श होने की संभावना है। इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग और कसिनो को लेकर जीएसटी पर विचार विमर्श किया जा सकता है।
कब हुआ GST काउंसिल का गठन?
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जीएसटी की पिछली बैठक जून में आयोजित की गई थी। पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 सितंबर, 2016 को GST परिषद की स्थापना की थी। सिस्टम के लॉन्च के बाद से कुल 194 करोड़ ई-वेबिल उत्पन्न हुए हैं, जिनमें से लगभग 40% माल के अंतर-राज्यीय परिवहन के लिए हैं।
ज्ञात हो, माल एवं सेवा कर (GST) पूरे देश के लिए लाभदायक व्यवस्था है। इससे अर्थव्यवस्था के सभी हितधारकों, सरकार और उपभोक्ताओं को लाभ होगा। इससे वस्तुओं एवं सेवाओं की लागत में कमी आएगी। अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा और भारतीय वस्तुएं एवं सेवाएं वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेंगी।
GST क्या है और यह कैसे काम करता है ?
दरअसल, GST पूरे देश के लिए एक अप्रत्यक्ष कर है, जो भारत को एक एकीकृत साझा बाजार बनाता है। GST निर्माता से लेकर उपभोक्ता तक माल और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है।
जीएसटी का लक्ष्य
जीएसटी का लक्ष्य कर दरों और प्रक्रियाओं में समरूपता लाकर और आर्थिक बाधाओं को हटाते हुए भारत को एक साझा राष्ट्रीय बाजार के रूप में तैयार करना है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर एक एकीकृत अर्थव्यवस्था का पथ प्रशस्त हो सके। इसी लक्ष्य को अमल में लाने की दिशा में देश में जीएसटी काउंसिल कार्य करती है।