यह बजट BJP की विदाई बजट है – विपक्ष

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपना लगातार छठा बजट पेश किया। अंतरिम बजट 2024 में इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है लेकिन दूसरे क्षेत्रों में कुछ ऐलान किए गए हैं। बजट के बाद पीएम मोदी ने इसे विकसित भारत के सपनों का बजट बताया। वहीं इस बजट को लेकर विपक्ष मोदी सरकार को घेर रहा है।

अखिलेश यदाव ने इसे बीजेपी का विदाई बजट बताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, कोई भी बजट अगर विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वो व्यर्थ है। भाजपा सरकार ने जनविरोधी बजटों का एक दशक पूरा करके एक शर्मनाक रिकार्ड बनाया है, जो फिर कभी नहीं टूटेगा क्योंकि अब सकारात्मक सरकार आने का समय हो गया है। ये भाजपा का विदाई बजट है।

वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, केन्द्र सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव से पूर्व, संसद में आज पेश बजट जमीनी वास्तविकता से दूर चुनावी लुभावने वाला ज्यादा है। टीएमसी ने इस बजट को लक्ष्यहीन करार दिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया है। चूंकि चुनाव है इसलिए यह चुनावी बजट है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, मैंने बजट स्पीच सुना। मैंने सोचा था कि वित्त मंत्री गरीब और मध्यम वर्ग के लिए कोई नई योजनाएँ लाएगी। उनकी तकलीफ़ों को कम करने के लिए कुछ घोषणाएँ होगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हर साल की तरह मोदी सरकार का अंतरिम बजट केवल रंग-बिरंगे शब्दों का मायाजाल था ! इसमें ठोस कुछ नहीं था, बड़े-बड़े और खोखले दावे करना इस सरकार की आदत है। उन्होंने आगे लिखा, दरअसल किसी भी बजट के दो काम होते है: एक पिछले साल का ब्योरा होता है और दूसरा आने वाले साल के लिए VISION होता है। इस बजट में ये दोनों ही चीजें MISSING थी।

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, वित्त मंत्री ने युवाओं के बारे में बात की। उन्होंने बेरोजगारी पर कोई बात नहीं की। पीएलएफएस (July 2022-June 2023) और स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया रिपोर्ट, 2023 के अनुसार, 15-29 वर्ष की आयु के युवाओं में बेरोजगारी दर 10% प्रतिशत (ग्रामीण 8.3, शहरी 13.8) है. 25 वर्ष से कम आयु के स्नातकों में बेरोजगारी दर 42.3 प्रतिशत है। यहां तक कि जब स्नातक 30-34 वर्ष की आयु तक पहुंचते हैं, तब भी बेरोजगारी दर 9.8 प्रतिशत होती है। वित्त मंत्री ने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी को स्वीकार नहीं किया और अपने भाषण के दौरान एक शब्द भी नहीं बोला।

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