भगवान की कथा को व्यापार ना बनाएं:– स्वामी इंदिरा रमणाचार्य

प्रतापगढ़ पुतई का पुरवा रानीगंज अजगरा में श्रीमद्भागवत ज्ञान की अमृत वर्षा परमपूज्य श्री श्री 1008 स्वामी श्री इंदिरा रमणाचार्य पीठाधीश्वर श्री जीयर स्वामी मठ जगन्नाथ पुरी एंव भगवान नैमिषनाथ रामानुज कोट अष्टंम भू वैकुंठ नैमिषारण्य के श्री मुखारविंद से हो रही है।
आपने कहा कि धन वैभव प्रसिद्धि में सुख नहीं है वास्तविक सुख गोविंद के चरणों में मन लगाने से मिलता है। इसको श्रवण करते समय कथा के रसपान में डूब जाए भागवत महापुराण पुराणों का मुकुटमणि एवं तिलक है ।यह भगवान श्री कृष्ण का वांग्मय स्वरूप है। इसे पुस्तक समझने की गलती ना करें संगत हमेशा अच्छे लोगों की करें ।आपने श्रीमद्भागवत के महत्व एवं धुंधकारी समेत अनेक प्रसंगों की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि कभी भी बड़ों का तिरस्कार नहीं करना चाहिए।
आज भगवान की कथा का व्यापार सनातन धर्म के लिए चिंताजनक है। भागवत कथा की बोली नहीं लगानी चाहिए। सब कुछ तो बिकने लगा है, कम से काम प्रभु का नाम बचाए रखें, ऐसा करना सामाजिक एवं धार्मिक अपराध है।


इस अवसर पर धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुजदास ने कहा यह ज्ञान यज्ञ का आयोजन पूर्व कानूनगो रामनरेश पांडे रामकृष्ण रामानुज दास द्वारा किया गया है। यह सौभाग्य की बात है कि हम लोग श्री जगन्नाथ पुरी जाकर भगवान का दर्शन करते हैं ,आज हमारे बीच में श्री जगन्नाथ पुरी से स्वामी जी भगवान श्री जगन्नाथ जी को लेकर स्वयं पधारे हैं। दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार राज नारायण शुक्ल राजन ने स्वामी जी को अंगवस्त्रम प्रदान कर उनका सम्मान किया। स्वामी जी द्वारा राजन जी को भी अंगवस्त्रम प्रदान कर आशीर्वचन प्रदान किया गया।
कथा में स्वामी राम प्रपन्नाचार्य नारायणी रामानुज दासी डॉ अमित पांडे प्रधानाचार्य शकुंतला पांडे इंजीनियर अनामिका पांडे डॉक्टर अंकिता पांडे रमाशंकर पांडे घनश्याम तिवारी अक्षय कुमार पांडे शिवप्रसाद पांडे संजय पांडे रंजय पांडे डा सुचिता पांडे डा नीतू पांडे विपुल पांडे एडवोकेट सहित अनेक भक्तगण उपस्थित रहकर पूजन अर्चन किया।

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