भारतीय सेना में महिलाओं को समान अधिकार /स्थायी कमीशन लागू / सेवानिवृत्ति तक, सेना में दे सकेंगी अपनी सेवा
सेंट्रल गवर्नमेंट ने सेना में महिलाओं को बराबरी का हक देने के लिए स्थाई कमीशन लागू करने की कानूनी घोषणा कर दी है। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) की महिला अधिकारियों को अब सेना की सभी 10 शाखाओं में स्थाई कमीशन मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट में फरवरी में एक ऐतिहासिक फैसले में एसएससी (SSC) के तहत नियुक्त सभी महिला अफसरों के लिए स्थाई कमीशन का रास्ता साफ कर दिया था।
सेना के इन 10 सेवाओं में मिलेगा मौका:
अब महिला अधिकारियों को इन 10 सेवाओं में स्थायी कमीशन का लाभ मिलेगा,
आर्मी एयर डिफेंस
आर्मी एविएशन
इंजीनियर
इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिकल इंजीनियर
सिग्नल
इंटेलिजेंस कोर
आर्मी सर्विस कोर
मौजूदा शाखा जज एंड एडवोकेट जनरल और
सैन्य शिक्षा कोर
क्या है स्थायी कमीशन:
सेना और नेवी में महिलाएं पहले शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के तहत काम करती थीं ।और वे स्थायी कमीशन के लिए आवेदन नहीं कर सकती थीं। लेकिन अब उन्हें बराबरी का दर्जा मिलेगा। स्थायी कमिशन का मतलब है कि कोई भी महिला अधिकारी रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में काम कर सकती है। और इसके बाद वह पेंशन का भी हकदार होंगी। स्थायी कमीशन से महिलाएं 20 साल तक काम कर सकेंगी। इसके लागू होने के पश्चात वे महिला अधिकारी भी स्थायी कमिशन में जा सकेंगी जो अभी तक शॉर्ट सर्विस कमिशन में काम कर रही हैं।
महिलाओं को ज्यादा वक्त तक काम करने का मिलेगा मौका:
महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन में अधिकार लागू होने के बाद सेना में महिलाएं ज्यादा वक्त तक काम कर सकेंगी। उन्हें पेंशन और कई अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था महिलाओं के लिए पक्षपात भरा नज़रिया उचित नहीं:
सरकार ने अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा कि सेना के ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां महिलाएं काम करने में सक्षम नहीं होंगी। उनके इस तर्क पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाओं के लिए ऐसा नजरिया रखना अशोभनीय है। आप के पक्ष में लिंगभेद की बू आ रही है और ऐसा करना महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित करने के बराबर है। महिलाओं के प्रति अपना नजरिया बदलना होगा।