मुस्लिम महिलाओं के चहरे से बुर्का क्यों हटा रही थी माधवी लता?

क्या मतदान के दौरान पोलिंग बूथ पर कोई उम्मीदवार मतदाता यानी वोटर्स का पहचान पत्र या आधार कार्ड चेक कर सकता है? जी हां ये मैं आप लोगो से इसीलिए पूछ रहा हूं क्योकि सोमवार को हैदराबाद में यह मुद्दा उठा। हैदराबाद लोकसभा सीट से भाजपा कैंडिडेट माधवी लता का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमे वो पोलिंग स्टेशन पर मतदाताओं की आईडी कार्ड जांच रही हैं, कार्ड से उनके चेहरे का मिलान कर रही हैं, और कई मुस्लिम मतदाताओं का बुर्का हटाकर चेहरा दिखाने की बात कह रही हैं। अब यहाँ सवाल ये उठता है की की कोई भी पार्टी का उमीदवार ऐसा कर सकता है या नहीं। विडियो शुरू करने से पहले आइये वो वायरल विडियो देखते है।

आपको बता दे वोटिंग सेंटर पर वोटिंग में किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए पार्टियों के अधिकृत पोलिंग एजेंट वहां पर होते हैं, जो वहां नजर बनाए रखते हैं लेकिन वहां उम्मीदवार का रोल क्या है और क्या उनके पास वोटिंग कार्ड चेक करने का अधिकार है? उमीदवार और एजेंट्स तो दूर की बात क्या पुलिस पोलिंग सेंटर पर मतदाता का आईडी कार्ड चेक कर सकती है?

सुप्रीम कोर्ट के एक वकील के अनुसार ऐसा कहते हैं कि मतदान केंद्र के बाहर किसी भी प्रत्याशी के पास यह अधिकार नहीं है कि वह मतदाताओं के पहचान पत्र की जांच कर सकें। यह काम चुनाव आयोग का है। वोटर कार्ड या कोई भी अधिकृत पहचान पत्र चेक करने का अधिकार केवल मतदान केंद्र के अंदर तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों के ही पास है।

वकील ये भी कहते है की मतदान स्थल पर पोलिंग एजेंट या पार्टी के उम्मीदवार के पास ऐसा कोई भी काम करने का अधिकार नहीं है, जिससे वोटिंग की प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा पहुंचे या मतदाता परेशान हो। अगर किसी पोलिंग सेंटर पर उम्मीदवार आपसे किसी तरह का आईडी कार्ड दिखाने को कह रहा है तो उसे मना कर सकते हैं। संवैधानिक तौर उसके पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। अगर किसी पार्टी को लगता है कि किसी बूथ पर गड़बड़ी हो रही है या हो सकती है, तो वहां पर अपने एजेंट की तैनाती कर सकते हैं, लेकिन उनके पास भी ऐसा कोई अधिकार नहीं है जो मतदान की प्रक्रिया को बाधित करे या उनके मतदाता को मतदान के अधिकार को रोके। हालांकि, अगर कोई शख्स या दूसरी पार्टी का एजेंट इसको लेकर आपत्ति नहीं दर्ज कराता है तो पर उस किसी तरह का कोई मामला नहीं बनता है, उस कोई कार्रवाई नहीं होगी, पर अगर करते है तो कार्येवाई की जा सकती है। इस घटना के बाद और वीडियो सामने आने के बाद माधवी लता के खिलाफ हैदराबाद के मलकपेट पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर लिया गया है। मामले पर हैदराबाद कलेक्टर ने कहा है कि माधवी लता के खिलाफ धारा 171सी, 186, 505(1)(सी) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 132 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अब पुलिस की बात करे तो, पुलिस मतदाता का आईडी चेक कर सकती है या नहीं? इस पर सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी दुबे कहते हैं की मतदान केंद्र में प्रवेश करते समय तैनात पुलिस अफसर केवल पहचान की दृष्टि से जरूर कोई दस्तावेज मांग सकते हैं। अगर किसी भी तरह के कन्फ्यूजन की स्थिति बनती है तो मतदान केंद्र के अंदर पार्टियों के अधिकृत प्रतिनिधि अफसरों के सामने मतदाता अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं।

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