UP: चौकी इंचार्ज ने युवक को इतना मारा कि वो खून की उल्टियां करने लगा, युवक की मौत
देवरिया में चौकी इंचार्ज ने एक युवक को इतना पीटा कि उसके मुंह से खून की उल्टियां होने लगी। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। दारोगा की पिटाई से मौत की खबर फैलते ही बवाल मच गया। भीड़ ने चौकी का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। बवाल की सूचना पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया। वहीं, इस मामले में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने मांग की है कि दोषी पुलिसवाले के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हो और मृतक के परिवार को 5 करोड़ का मुआवज़ा मिले। मृतक युवक के परिजनों ने चौकी इंचार्ज समेत तीन पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। बहरहाल मामले में आरोपी चौकी इंचार्ज वीरेंद्र कुशवाहा पर एफआईआर दर्ज हो गई है। अभी वो फरार है।
मृतक की पत्नी सुमन ने बताया कि बरहज थाना क्षेत्र के सतरावं का रहने वाला दद्दन यादव (30) सोमवार की देर शाम सतरांव चौराहे पर किसी काम के सिलसिले में गया था। इस दौरान सतरांव पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने उसे बुलाया तो वह भागने लगा। पुलिस कर्मियों ने उसे दौड़ाकर पकड़ा और चौकी पर ले आए। उसी दौरान चौकी इंचार्ज व पुलिसकर्मियों ने पूछताछ के नाम पर उसे पीटा। वह खून की उल्टी करने लगा। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।
घटना की जानकारी होने पर युवक के परिजन दर्जनों ग्रामीणों के साथ रात में ही थाने में पहुंचे। पुलिस चौकी पर पहुंचे हंगामा करने लगे। चौकी इंचार्ज और ग्रामीणों में विवाद होने लगा। आक्रोशित ग्रामीणों ने चौकी इंचार्ज को दौड़ा लिया। पुलिस अधिकारी फोर्स मौके पर पहुंचे और हालात को संभाला। इधर, पुलिस की पिटाई से घायल दद्दन की तबीयत अधिक बिगड़ने पर आनन-फानन उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों द्वारा दद्दन को महृषि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया गया। मगर यहां पर इलाज़ के दौरान मंगलवार की शाम उसकी मौत हो गई।
मृतक दद्दन की तीन मासूम बेटियां हैं। घटना के बाद से पत्नी का रो-रो कर बुरा है। परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मामले में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- बीजेपी के राज में पुलिस-प्रशासन के अंदर कुछ भ्रष्ट लोगों को ऐसा लगने लगा है कि वो कुछ भी अवैधानिक करेंगे तो उनके भाजपाई आका उनको बचा लेंगे। चुनावों में जनता इस गलतफहमी को दूर कर रही है।