डायबिटीज, हार्ट, ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को राहत 84 दवाओं की कीमत हुई कम
अगर कभी हम गौर करें कि एक आम आदमी की गाढ़ी कमाई का मोटा हिस्सा… कहां खर्च होता है, तो पाएंगे कि ज्यादातर आय का हिस्सा… घर बनाने में या तो इलाज के खर्च में चला जाता है। लेकिन आज के समय में केंद्र सरकार के प्रयास से दोनों ही मदों में आम आदमी को राहत मिल रही है। आज हम इस वीडियो में ऐसे ही एक और राहत की बात करने जा रहे हैं, जिसमें इलाज के बाद अब दवाओं का खर्च भी आधे से भी कम हो गया है। दरअसल, सरकार ने मरीजों को दवा के दाम कम कर बड़ी राहत दी है। अब डायबिटीज, हार्ट, ब्लड प्रेशर, बुखार, दर्द, थायराइड, एंटीबायोटिक समेत कुल 84 दवाओं की कीमत 40 फीसदी तक कम कर दी गई है।
दवाइयों की कीमत की गई तय
दरअसल, NPPA यानि राष्ट्रीय दवा मूल्य प्राधिकरण ने दवा आदेश, 2013 द्वारा दिए गए अधिकारों का प्रयोग करते हुए दवाओं की खुदरा कीमत तय कर दी है। राष्ट्रीय दवा मूल्य प्राधिकरण ने इसे लेकर एक अधिसूचना भी जारी की है।
NPPA ने अधिसूचना में कहा है कि जिन दवाओं की खुदरा कीमत तय की गई हैं… वे दवाएं शुगर, सिरदर्द और हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ी हैं। इसके अलावा बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिस..राइड्स को कम करने के लिए प्रयोग किए जाने वाली दवा की कीमतों को भी तय किया गया है।
नियमों का उल्लंघन करने पर ब्याज सहित वसूली
इसके साथ ही NPPA ने साफ कहा कि सभी फार्मा कंपनियों को निश्चित कीमतों का सख्ती से पालन करना होगा। अगर किसी ने नियमों की अनदेखी की और तय कीमत से अधिक दाम में दवा बेची… तो उन्हें वसूली गई अतिरिक्त कीमत का ब्याज सहित भुगतान करना होगा। वहीं बता दें कि दवा के दाम में बदलाव के बाद जीएसटी अलग रहेगा, हालांकि दवा कंपनियां इसकी वसूली तभी कर सकेंगी, जब उन्होंने खुद भी सरकार को खुदरा कीमत पर जीएसटी का भुगतान किया होगा। यदि कोई विक्रेता इन दवाओं को ज्यादा रेट पर बेचता पाया गया तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत आता है NPPA
राष्ट्रीय दवा मूल्य प्राधिकरण केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अंतर्गत आता है, जो कि देश में नियंत्रित थोक दवाओं और फार्मूलेशन की कीमतों को तय या संशोधित करता है। ऐसे में लंबे समय से मांग हो रही थी कि उन दवाओं की कीमतों को नियंत्रित किया जाना चाहिए, जिनके दाम मनमाने तरीके से वसूले जा रहे हैं। क्योंकि नियंत्रण प्रबंधन ना होने के कारण बड़ी संख्या में औषधियों की कीमतें आवश्यकता से काफी अधिक होती हैं। वैसे केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत के अंतर्गत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और जन औषधि केंद्र का क्रियान्वयन किया जा रहा है ताकि बीमारी की चपेट में आए गरीब परिवारों को बेहतर चिकित्सा सुविधा और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सके।