एक युवा किसान ने दिखाई उम्मीद की नई राह…परिस्थितियों से निराश किसानों के लिये बना प्रेरणा
अपना खून पसीना लगाकर किसान फसल उगता है और जब वही फसल सही कीमत पर नहीं बिकती है तो किसान निराश हो जाता है। कोई इतना हताश हो जाता है कि अपने उत्पादन को सड़कों पर फेंक देता हैं। इस तरह की खबरें तो सबने पढ़ी और सुनी होगी लेकिन एक 25 वर्ष का युवक अपने इस निराशा को आशा में बदल कर सबको चौंका दिया है।
मध्य प्रदेश के धार जिले के एक युवा किसान ने इस चमत्कार को कर दिखाया है। वैश्विक महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान जब 10 टन का टमाटर सही कीमत पर ना बिकने के कारण खराब होने की नौबत आ गई तो फेंकने के बजाय उसे पाउडर में बदलकर कर ना सिर्फ लाभ कमाया बल्कि दूसरों के लिये मिशाल कायम की है। तीन दिन तक लगातार मेहनत करने के पश्चात 700 किलो पाउडर तैयार हो गया जो बाद में दो लाख में बिका।
25 साल के इस गुणवान किसान के कार्य को प्रेरणा के रूप में देख रहे है। लोगों से खूब सराहना मिल रही है। परिस्थितियों से निराश होने वाले किसानों को नया रास्ता दिखाने वाले इस युवा किसान का नाम समीर गोस्वामी है।
उन्होंने नईदुनिया को बताया कि बहुत दिनों से सोच रहा था लेकिन कोई फायदेमंद तरकीब नहीं सूझ रही थी। पिछले साल सोलर एनर्जी से चलने वाला एक डॉयर मशीन खरीद कर रख लिया था लेकिन कैसे उपयोग होगा यह नहीं पता था। एक बीघा खेत में 10 टन टमाटर तैयार था। लेकिन लॉकडाउन में टमाटर बेच पाना संभव नहीं था। ऐसे में मैंने परिवार के सदस्यों के साथ सारे टमाटर के छोटे छोटे टुकड़े किये और फिर उसे सोलर एनर्जी से चलने वाले ड्रायर से सूखा कर 700 किलो पाउडर में बदल दिया। मैंने पता किया था कि इंटरनेशनल कंपनियों से लेकर नेशनल कंपनियां टमाटर का पाउडर अधिक मात्रा में खरीद रही है। ऐसे में मैंने टमाटर के पाउडर को ₹25000 प्रति कुंटल तक के भाव से बेचा। इस तरकीब से मैंने 200000 लाख रुपये कमाए।