भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों के भविष्य पर केंद्र सरकार का फोकस, तीन गुना बढ़ाई वित्तीय सहायता

देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले सैनिक उस देश के लिए आन-बान-शान होते हैं। सुरक्षाबल अपनी जान की प्रवाह किए बगैर देश की सुरक्षा में दिन रात लगे रहते हैं। ऐसे में उनसे जुड़े व्यक्तियों की देखभाल के लिए सरकार वित्तीय सहायता से समय-समय पर मदद करती रहती है। केंद्र सरकार ने हाल ही में भूतपूर्व सैनिकों की अनाथ संतानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को बढ़ाने का फैसला किया है ताकि भूतपूर्व सैनिकों के बच्चें भी बेहतर तरीके से अपना जीवन जी सकें। आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने वाली इस योजना का संचालन केंद्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी) करता है।

वित्तीय सहायता तीन गुना बढ़ाया गया

सभी नागरिकों के लिए सुगम व सम्मानजनक जीवन की सरकार की नीति के अनुरूप और सशस्त्र सेवाओं के लिए मानवीय भावना के तहत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भूतपूर्व सैनिकों (ESM) के अनाथ संतानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 1,000 रुपए से बढ़ाकर 3,000 रुपए प्रति माह करने को मंजूरी दी है। भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने मिलने वाली वित्तीय सहायता को तीन गुना बढ़ा दी है। इससे अनाथ बच्चे सम्मान और गरिमा के साथ बेहतर तरीके से अपना जीवन जी सकेंगे।

रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि भूतपूर्व सैनिकों (ESM) के अनाथ बच्चों को वित्तीय सहायता में संशोधन की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है। 1000/- प्रति माह से रुपए रक्षा मंत्री भूतपूर्व सैनिक कल्याण कोष की अनाथ अनुदान योजना के तहत 3000/- रुपए प्रतिमाह। इस निर्णय से कई ईएसएम परिवार लाभान्वित होंगे।

क्या है केन्द्रीय सैनिक बोर्ड ?

इस योजना का संचालन केंद्रीय सैनिक बोर्ड (KSB) करता है और रक्षा मंत्री भूतपूर्व सैनिक कल्याण कोष (आरएमईडब्ल्यूएफ) के माध्यम से वित्त पोषण किया जाता है। यह सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष का एक सबसेट है। मौजूदा योजना अनाथ बच्चों के लिए है, जो किसी पूर्व सैनिक के बेटे या अविवाहित बेटी हैं और जिनकी आयु 21 साल से कम है। इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए संबंधित जिला सैनिक बोर्ड (जेडएसबी) आवेदन को अनुशंसित करती है।

कब हुई स्थापना ?

द्वितीय विश्व युद्ध नौसेना और वायु सेना के निरंतर विस्तार के कारण, तीनों सेवाओं के संबंध में समान कार्य करने के लिए एक संगठन की आवश्यकता महसूस की गई और इसके परिणामस्वरूप द्वितीय 1919 निरस्त बोर्ड का 1944 में पुनर्गठन किया गया। मार्च 1951 में इसका नाम बदलकर इंडियन सोल्जर्स, सेलर्स और एयरमैन बोर्ड कर दिया गया। बोर्ड का पदनाम केंद्र में केंद्रीय सैनिक बोर्ड और राज्य और जिला स्तर पर राज्य सैनिक बोर्ड और जिला सैनिक बोर्ड में 1975 में बदल दिया गया था। केएसबी सचिवालय रक्षा मंत्रालय में भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग के तहत भारत सरकार की अधिसूचना संख्या के तहत कार्य करता है।

उद्देश्य

इस योजना का उद्देश्य उन भूतपूर्व सैनिकों आश्रित बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों को शिक्षित करने में मदद करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की यह योजना 1981 में शुरू की गई थी। इस योजना को पिछली बार अक्टूबर 2011 में संशोधित किया गया था और स्नातक स्तर तक प्रति बच्चा 1000/- रुपए प्रति माह के मासिक अनुदान में संशोधित किया गया था। भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों के भविष्य के लिए सरकार ने अब मासिक अनुदान में संशोधन कर वित्तीय सहायता को तीन गुणा यानि 1000 हजार से 3000 कर दिया है।

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