फीस माफी की भ्रामक अफवाहों पर रोक लगाने की मांग, प्राईवेट स्कूल मैनेजमेंट ने डीएम को भेजा ज्ञापन

ललितपुर न्यूज : प्राईवेट स्कूल मैनेजमेंट एशोसियेशन के तत्वाधान में विद्यालयों के प्रबन्धकों द्वारा निजी विद्यालयों की समस्याओं एवं उनके प्रति किये जा रहे भ्रामक प्रचार को लेकर एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। ज्ञापन देने आये प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व एशोसियेशन के संचालक मण्डल के संयोजक गोविन्द व्यास द्वारा किया गया। ज्ञापन में एशोसियेशन द्वारा प्राईवेट स्कूलों के पक्ष में विभिन्न मॉगें सरकार से की गई है।

ज्ञापन देने आये दल का नेतृत्व कर रहे एशोसियेशन के प्रतिनिधि गोविन्द व्यास ने बताया कि जनपद में संचालित विभिन्न विद्यालयों की समस्याओं को लेकर जिलाधिकरी को ज्ञापन सौंपा गया हैं। उन्होने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण के चलते पूरे देश के सभी शैक्षणिक संस्थान बन्द है, विद्यालयों के बन्द होने के उपरान्त अपने अपने विद्यालयों के अभिभावकों की सुविधानुसार लगभग सभी विद्यालयों के द्वारा ऑन लाईन कक्षाओं का आयोजन सोषल मीडिया का उपयोग करते हुये किया जा रहा है।

विद्यालयों के बन्द होने की स्थिति में जहॉ शासन प्रषासन की मंशा है कि किसी भी अध्यापक अध्यापिका एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी की सेवा समाप्त न की जाये। उन्होने कहा कि कुछ संगठनों, राजनैतिक दलों के द्वारा लगातार विद्यालयों पर फीस माफ करने के लिये दबाब बनाया जा रहा है। साथ ही भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि सरकार द्वारा विद्यालयों की फीस माफ कर दी गई है। उन्होने कहा कि इससे अभिभावकों के ऊपर गलत प्रभाव पड रहा है तथा विद्यालयों की व्यवस्था भी प्रभावित हो रही हैं। उन्होने कहा कि विद्यालय केवल खुले नही है तथा बच्चे विद्यालयों में नही आ रहे है लेकिन विद्यालय के खर्चे यथावत जारी हैं।

विद्यालयों को अध्यापक/अध्यापिकाओं एवं अन्य कर्मचारियों का बेतन यथावत देना ही है। विद्युत बिल, जलकर एवं जलमूल्य, गृहकर आदि का भुगतान करना ही है। उन्होने बताया कि विद्यालय में प्रयोग में लाये जाने वाली समाग्री, विद्यालय भवन, आदि के रखरखाव आदि का व्यय यथावत होना ही है।

विद्यालयों द्वारा भवन, फर्नीचर, वाहन आदि के लिये बैंक से लिये गये ऋण की चुकौती की किश्तों का भुगतान मय ब्याज के नियमित यथावत करना ही है। संचालक मण्डल के प्रवक्ता कौशल किशोर गोस्वामी ने कहा कि जनपद की शैक्षिक संस्थाओं अपने मॉग प्रशासन के सामने रखने के उददेश्य से आज एकत्र हुई है। उन्होने बताया कि जिला प्रशासन अपने स्तर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह संदेश प्रसारित करे कि सरकार द्वारा किसी भी निजी विद्यालय की कोई भी शुल्क माफ नही की गई हैं सभी विद्यालय अभिभावकों से पूर्व की भॉति शुल्क लिया जायेगा।

अक्षय जैन ने कहा कि हम कोरोना की परिस्थिति को देखते हुये शासन प्रशासन से मॉग करते है कि विद्यालयों के विद्युत के बिलों को माफ किया जाये। एक वर्ष का जल कर, जल मूल्य, एवं गृह कर माफ किया जाये। उन्होने सरकार से मॉग की कि विद्यालय के अध्यापक अध्यापिकों को बेतन आदि देने के लिय अध्यापकवार अथवा विद्यालय के छात्रांकन के अनुसार धनराशि निर्धारित कर के आर्थिक पैकेज दिया जाये।

रिपोर्ट : राहुल साहू

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