अभिभावक मांग रहे इंसाफ, छात्र-छात्राओं की फीस करो माफ

अभिभावक मांग रहे इंसाफ, छात्र-छात्राओं की फीस करो माफ – सेतु यादव जिला अध्यक्ष छात्र सभा समाजवादी पार्टी ललितपुर

समाजवादी छात्र सभा उत्तर प्रदेश लगातार कोविड-19 की वजह से उत्पन्न छात्र-छात्राओं की समस्याओं के समाधान हेतु संघर्षरत है। समाजवादी छात्रसभा का मानना है कि कोरोना महामारी के दौरान विभिन्न शिक्षण संस्थानों की संपूर्ण व्यवस्था बाधित रही है। लोगों का आर्थिक एवं सामाजिक जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। खासकर देश के मध्यम एवं निम्न वर्गों (गरीब,किसान,व्यापारी,मजदूर, एवं प्राइवेट नौकरी पेशा वाले) की आर्थिक व्यवस्था चौपट हुई है। कोरोना महामारी के कारण प्रारंभिक कक्षाओं से लेकर उच्चतर स्तर तक की कक्षाओं का संचालन पूर्णतयः बन्द है। करोड़ों छात्र-छात्राएं घरों के अंदर बंद है जिसका गंभीर दुष्प्रभाव उनके शैक्षणिक सत्र पर पड़ रहा है। ऑनलाइन शिक्षण कार्य भी तकनीकी कठिनाइयों के कारण उपयोगी नहीं साबित हुआ है। अभी कोरोना महामारी का प्रकोप कम होने के बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में करोड़ों छात्र-छात्राएं अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। कोरोनाकाल में शिक्षण संस्थाओं के बंद होते हुए भी छात्र-छात्राओं से वर्तमान सत्र एवं छात्रावास की फीस का भुगतान संबंधी आदेश संवेदनहीन एवं अमानवीय है।
जहां एक तरफ प्रदेश व देश की जनता अपनी व्यक्तिगत समस्याओं से जूझ रही है वहीं दूसरी तरफ सरकार और शिक्षण संस्थानों के ऐसे अमानवीय आदेश उनके ऊपर कहर बनकर टूट रहे हैं।
सबका साथ और सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा सरकार कोरोनावायरस को भी अवसर के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
कोविड-19 की वजह से जनता के जीवन में उत्पन्न समस्याओं का समाधान करने के बजाए सरकार फीस वसूली के माध्यम से अभिभावकों का उत्पीड़न करना चाहती है।

ज्ञापनपत्र

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय अखिलेश यादव जी के निर्देश पर समाजवादी छात्रसभा लगातार केजी से पीजी तक की कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की सम्पूर्ण फीस माफी के लिए आवाज बुलंद कर रही है।
समाजवादी छात्रसभा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष श्री दिग्विजय सिंह “देव” ने बताया कि इसी क्रम में समाजवादी छात्रसभा से जुड़े तमाम छात्र-नौजवानों एवं पदाधिकारियों द्वारा उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों की मुख्य जगहों पर होर्डिंग्स लगाकर सरकार के फीस सम्बन्धी फैसले का विरोध करेंगे।
इसके बावजूद भी यदि उत्तर प्रदेश सरकार अपने इस तानाशाही फैसले को वापस नहीं लेती है तो मजबूरन समाजवादी छात्रसभा लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन को धार देने का काम करेगी।
रिपोर्ट : राहुल साहू

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