हे राम! एक तो चोरी और वो भी तुलसी की…!
लक्ष्मी स्वरूप माँ तुलसी भी अब चोरों से सुरक्षित नहीं
हम चोरी की खबर आए दिन अखबारों और टीवी में पढ़ते और सुनते हैं। लेकिन तुलसी की चोरी शायद ही आपने कभी सुना या देखा होगा। कोरोना काल में हर कोई इम्युनिटी बूस्ट करने पीछे पड़ा है। करें भी तो क्या और कोई उपाय शेष बचा भी नहीं है। इसके लिए योगा, प्राणायाम, काढ़ा जो भी उपाय दिखाई दे रहा है वो करने में जी जान से जुट जा रहे हैं लोग। काढ़ा के रूप में तुलसी का प्रयोग खूब हो रहा है।
तुलसी को लक्ष्मी स्वरूप मानकर सभी अपने घरों में स्थान देते हैं और पूजते हैं। परंतु जिनके यहाँ तुलसी का पौधा नही है वो आस पड़ोस या अपने मोहल्लों में चोरी कर रहें है। जी हाँ चंडीगढ़ और उसके आसपास के शहरों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि घरों में रखे तुलसी के गमले सुबह में गायब हो जा रहे हैं। हालांकि ऐसी चोरियों से पुलिस हवालात का संबंध अभी तक नही बना है लेकिन पड़ोसियों से झगड़े अवश्य शुरू हो गए हैं।
दरअसल इस महामारी के दौर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए औषधीय गुणों से भरपूर पौधों की मांग बढ़ गई है। नर्सरी में भी गिलोय और तुलसी के पौधों की कमी हो गई हैं और इनकी कीमत भी बढ़ गई है। अब लोगों को समझ में आ रहा है कि प्रकृति ही हमारी सुरक्षा कवच है और हम उसी को रौंद रहे हैं।