स्थाई पेंशन योजना नहीं तो “नोटा” पर फोकस कर अभियान चलाया जाय- जगत मर्तोलिया
पिथौरागढ़।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज स्थाई पेंशन की मांग कर रहे कर्मचारियों के पक्ष में एक बड़ा बयान दिया ।उन्होंने कहा कि राज्य में चुनाव लड़ रहे हैं राजनीतिक दल अपने चुनाव घोषणापत्र में स्थाई पेंशन पुनः लागू करने को शामिल करें । सवाल उठाया कि विधायक व सांसदो को पेंशन दी जा रही है, तो फिर मेहनतकश कर्मचारियो को क्यों नहीं। कहा कि पेंशन नहीं तो “नोटा” पर फोकस कर अभियान चलाया जाय।
इसी के आधार पर राज्य तथा केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अपना मत का प्रयोग करना चाहिए ।मुनस्यारी क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य मर्तोलिया ने जोर देकर कहा कि स्थाई पेंशन योजना कर्मचारी के सुरक्षित भविष्य की नींव थी। जिसे किसी भी सूरत में हासिल किया जाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि देश भर में कर्मचारी संगठन और स्थाई पेंशन योजना की मांग को लेकर आंदोलित है ।नौजवान कर्मचारियों के भविष्य के साथ तत्कालीन सरकारों ने अन्याय किया है। आज भी उसी दल की सरकार है देशभर में सरकार चला रही हैं।
कहा कि आने वाले समय में कर्मचारियों का भविष्य और सुरक्षित होने की ओर बढ़ रहा है। इसलिए उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में इस मांग को जो राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में शामिल करता है उस के पक्ष में कर्मचारियों को खुले मन से आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज तक सरकार अस्थाई पेंशन योजना को पूर्व की तरह लागू स्थाई पेंशन योजना में बदल ही पाई ।
उन्होंने कहा कि आज भी राज्य तथा केंद्र सरकार में आत्मबल है तो वह स्थाई पेंशन व्यवस्था को तत्काल लागू करने के लिए अध्यादेश का प्रयोग करें।
मर्तोलिया ने कहा कि भारतीय सेना तथा विधायक एवं सांसदों को ही स्थाई पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। अन्य सभी कर्मचारी वर्गों को इस पेंशन सुविधा से वंचित कर दिया गया है ।
इसे कर्मचारियों के लिए अन्याय बताते हुए मर्तोलिया ने कहा कि पेंशन से कर्मचारियों का सेवानिवृत्ति के बाद का भविष्य आर्थिक एवं सामाजिक रुप से सुरक्षित होता था। इस अधिकार को छीन लेना न्याय संबंधी नहीं है ।
मर्तोलिया ने कहा कि जीवन भर सरकारी सेवा करने के बाद कर्मचारियों को आशा होती थी कि वह अपना अंतिम जीवन अपने पेंशन से जी लेगा , लेकिन सरकारों ने छल के द्वारा तथा निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए पेंशन का अधिकार कर्मचारियों से छीन लिया ।
मर्तोलिया लंबे समय से इस मांग के लिए कर्मचारियों का साथ दे रहे हैं। जिला पंचायत पिथौरागढ़ की बैठक में प्रस्ताव पारित कर राज्य तथा केंद्र सरकार को भेज चुके हैं ।
मर्तोलिया का कहना है कि निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी भी अगर शपथ पत्र देकर इस मांग का समर्थन करते हैं तो इससे कर्मचारियों के इस आंदोलन को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी राजनीतिक दल इस मांग को अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं करता है। तो कर्मचारियों को नोटा का प्रयोग कर अपनी ताकत का एहसास लोकतंत्र की व्यवस्था में करना चाहिए ।
इसके लिए हुए कर्मचारी संगठनों से भी संवाद स्थापित करेंगे।