जिलाधिकारी राजेश कुमार ने कोरोना को लेकर, तय की निजी चिकित्सालयों की जिम्मेदारी

आजमगढ़: जिला मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने बताया कि प्रायः यह देखने में आ रहा है कि जनपद में स्थित सभी प्राइवेट नर्सिंग होम/चिकित्सालयों के यहां तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा गंभीर बीमारी जैसे न्यूरोलाजिस्ट, कार्डियोलाजिस्ट, चेस्ट, किडनी, लीवर, कैंसर, शुगर, डायबिटिज, हाईपरटेंशन इत्यादि से ग्रसित रोगियों का ईलाज किया जा रहा है।

वर्तमान में जो मरीज इन चिकित्सालयों में भर्ती हैं, उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आ जाने पर उन्हें सुपर फैसेलिटी हॉस्पिटल एवं राजकीय मेडिकल कालेज, चक्रपानपुर रेफर कर दिया जा रहा है। राजकीय मेडिकल कालेज, चक्रपानपुर के प्रधानाचार्य द्वारा यह अवगत कराया गया कि राजकीय मेडिकल कालेज में स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की कमी होने के कारण इस प्रकार के क्रिटिकल रोगियों का सम्यक ईलाज सम्भव नही हो पा रहा है व ईलाज में कठिनाई आ रही है।

उक्त के क्रम में जिला मजिस्ट्रेट ने आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 की धारा-65 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनपद आजमगढ़ के समस्त प्राइवेट नर्सिंग होम/चिकित्सालयों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवायें मानव जीवन की सुरक्षा की अपरिहार्यता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से अधिग्रहित किया है तथा आदेश दिये हैं कि जिस भी नर्सिंग होम/चिकित्सालय द्वारा राजकीय मेडिकल कालेज, चक्रपानपुर में ऐसे मरीजों को भर्ती कराया जाता है/रेफर किया जाता है, तो उन नर्सिंग होम/चिकित्सालयों के चिकित्सक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह राजकीय मेडिकल कालेज, चक्रपानपुर में मरीज के भर्ती के समय उपस्थित होंगे एवं मरीज की केस हिस्ट्री के अनुसार उस बीमारी के इलाज हेतु उपचार निर्धारित करेंगे, जिससे कोविड-19 के साथ पूर्व से ग्रसित बीमारी का इलाज भी मरीज को प्राप्त हो सके।

इसके अतिरिक्त राजकीय मेडिकल कालेज/नोडल अधिकारी के कहने पर अगर किसी मरीज की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है, तो चिकित्सक द्वारा मरीज को राजकीय मेडिकल कालेज, चक्रपानपुर में उपस्थित होकर सहयोग प्रदान किया जायेगा। इन चिकित्सालयों के चिकित्सकों द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि राजकीय मेडिकल कालेज, चक्रपानपुर में गंभीर रोगियों के इलाज के समय यदि प्रधानाचार्य, राजकीय मेडिकल कालेज चक्रपानपुर, मुख्य चिकित्साधिकारी, आजमगढ़ व जिला प्रशासन द्वारा कोई निर्देश निर्गत दिया जाता है, तो उनका भी अनुपालन करेंगे।

उपरोक्त आदेश का अनुपालन न किये जाने पर संबंधित नर्सिंग होम/चिकित्सालय के विरूद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 एवं महामारी अधिनियम की विभिन्न सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।

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