कौन होगा भाजपा का अगला राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष? RSS का हस्‍तक्षेप अहम, इन नामों पर चर्चा तेज

भाजपाके राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद अब पार्टी को नए अध्यक्ष का चुनाव करना होगा। लोकसभा चुनाव के नतीजे और भाजपा संघ के भीतर बनी असहज स्थिति के बाद इस बात की प्रबल संभावना है कि नए अध्यक्ष के चयन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी। इसके अलावा, भाजपा की नई टीम में भी काफी बदलाव आ सकता है।

दोनों ही स्थितियों में RSS की भूमिका अहम होगी

भाजपा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया में थोड़ा समय लग सकता है, क्योंकि पार्टी के संगठन चुनाव भी जल्द शुरू होंगे, जिनके पूरा होने में लगभग छह माह का समय लगेगा। ऐसे में केंद्रीय संसदीय बोर्ड तब तक नड्डा को अध्यक्ष बनाए रखकर कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकता है या वह नए अध्यक्ष की नियुक्ति भी कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, दोनों ही स्थितियों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका अहम होगी। संघ सीधे तौर पर भाजपा के कामकाज में दखल नहीं देता है, लेकिन संघ का आनुषंगिक संगठन होने के नाते भाजपा संगठन का ताना-बाना संघ ही बुनता है। संघ से आए पूर्णकालिक प्रचारक भाजपा में संगठन महामंत्रियों की भूमिका निभाते हैं चाहे वह केंद्रीय स्तर पर हों या फिर राज्यों में।

समन्वय बैठक में हो सकती है अध्‍यक्ष पद की बात

भाजपा का चुनावी तथा राजनीतिक नेतृत्व कोई भी करे, लेकिन संगठन की रीढ़ में संघ ही रहता है। सूत्रों के अनुसार, हाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा और संघ के बीच समन्वय की कमी उभरी थी। अब संघ की केरल में होने वाली समन्वय बैठक में जब भाजपा की अध्यक्ष भी हिस्सा लेने जाएंगे तब आगे की चर्चा हो सकती है। इस बैठक में संघ के सभी आनुषंगिक संगठन के प्रमुख हिस्सा लेंगे। सूत्रों के अनुसार, संघ भाजपा के अध्यक्ष के रूप में ऐसे व्यक्ति को पसंद कर सकता है जो न केवल संघ पृष्ठभूमि से हो, बल्कि संगठन को लेकर सजग और कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने वाला हो।

संगठन में कई प्रभावी और युवा नेता मौजूदा

भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय संगठन में कई प्रभावी और युवा नेता हैं, लेकिन आने वाली चुनौतियों पर कौन खरा उतरेगा, इसको लेकर भाजपा और संघ दोनों ही मंथन कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, संघ का एक वर्ग नहीं चाहता है कि संगठन का मुखिया सरकार का पिछलग्गू दिखे। साथ ही यह भी नहीं होना चाहिए कि उसकी वजह से संगठन और सरकार में टकराव की स्थिति बने। ऐसे में दोनों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में सक्षम नेतृत्व को ही पार्टी की कमान सौंपे जाने की ज्यादा संभावना है। सूत्रों का कहना कि अभी किसी एक नाम पर विचार नहीं हुआ है। हालांकि, चर्चा में जो नाम है वह भी रहेंगे, लेकिन फैसला किस पर होगा, इसे लेकर संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच अभी मंथन होना बाकी है।

 

साभार क्लिक इंडिया

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