कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं: जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को एक “युगांतकारी” बताते हुए बुधवार को कहा कि जब तक 50 प्रतिशत मानवता के लिए न्याय सुनिश्चित नहीं किया जाता तब तक समाज का विकास नहीं हो सकता। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आज राजस्थान में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) पिलानी के छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने महिलाओं को विधानसभाओं और लाेकसभा में एक तिहाई आरक्षण देने के विधेयक का उल्लेख करते हुए कहा कि यह महिलाओं के अधिकारों की मान्यता और उनके अधिकार की पुष्टि है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है । उन्होंने नागरिकों से ‘हमारे संस्थानों को कलंकित करने, बदनाम करने और कमजोर करने वाले भारत विरोधी वक्तव्यों का सक्रिय रूप से मुकाबला करने का आह्वान किया।
शिक्षा सबसे प्रभावशाली यंत्र
अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आम जनता के जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा को सबसे प्रभावी और प्रभावशाली यंत्र बताया और कहा कि इससे भारत के विकास में तेजी आएगी। उन्होंने कहा अगर आपको लगता है की पार्लियामेंट में गतिविधि ठीक नहीं चल रही है और आपका जन प्रतिनिधि ठीक काम नहीं कर रहा है तो आपको चुप न रहकर अपने विचार को व्यक्त करना चाहिए।
भारत ने ‘ग्लोबल साउथ’ को विश्व मंच पर एक मजबूत आवाज दी
जी-20 की अध्यक्षता में भारत की सफलता पर प्रकाश डालते हुए धनखड़ ने कहा कि जी-20 सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करना भारत के सभ्यतागत लोकाचार के साथ गहराई से मेल खाता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर हस्ताक्षर को वैश्विक ‘गेमचेंजर’ साबित होगा। प्रधान मंत्री के नेतृत्व में भारत द्वारा निभाई गई भूमिका ने ‘ग्लोबल साउथ’ को विश्व मंच पर एक मजबूत आवाज दी है।
भ्रष्टाचार ‘लोकतंत्र और विकास का हत्यारा
उपराष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार को ‘लोकतंत्र और विकास का हत्यारा’ बताया और कहा कि हाल के वर्षों में, सत्ता के दलालों के प्रभाव वाले सत्ता गलियारों को बेअसर करने के लिए महत्वपूर्ण प्रगति की गई है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है । उन्होंने नागरिकों से ‘हमारे संस्थानों को कलंकित करने, बदनाम करने और कमजोर करने वाले भारत विरोधी वक्तव्यों का सक्रिय रूप से मुकाबला करने का आह्वान किया।
धनखड़ ने वैश्विक मंच पर डिजिटल लेनदेन एवं वित्तीय समावेशन में भारत की मिली उपलब्धियों की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि बिट्स पिलानी के पांच प्रशिक्षु संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में राज्यसभा के सभापति की सहायता करेंगे।