ललितपुर: आंगनबाड़ी केंद्र पर किया गया पोषाहार वितरण
ललितपुर न्यूज़:
जनपद ललितपुर के नगर मे स्थित आंगनवाडी कार्य केंद्र पर पोषाहार वितरण हुआ जिसमें राज्यमंत्री जी की प्रतिनिधि श्रीमती भावना गोस्वामी द्वारा आंगनवाड़ी मे कार्यरात मीरा वर्मा के केंद्र पर पोषाह आहार वितरण हुआ सर्वे से गर्भवती 7 माह से 3 वर्ष 3से 6 बर्ष के लाभार्थियों को कोविड 19 के तहत पोषाहर वितरण किया गया जिसमें मुख्य सेविका श्रीमती छाया चतुर्वेदी मीनेश राय पोषाहार वितरण करवाने में सहयोग रहा इस क्षेत्र की मुख्य सेविका स्मृति खरे है।
क्यों आवश्यक है गर्भावस्था में पोषण:
गर्भावस्था के समय पौष्टिक आहार की मांग बढ़ जाती है। गर्भ में पल रहे शिशु एवं गर्भवती महिलाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक मात्रा में भोजन की आवश्यकता होती है । भारत में यह देखा गया है कि गरीब तबके की महिलाएं गर्भावस्था और स्तनपान कराने के समय भी अन्य सामान्य महिलाओं की ही तरह भोजन करती हैं।
*माताओं की पोषण में कमी के कारण बच्चे के वजन में कमी हो जाती है और जच्चा और बच्चा की मृत्यु दर में वृद्धि होती है ।
*बच्चे के वजन को बढ़ाने के लिए और मां के शरीर में वसा की मात्रा को बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक भोजन की आवश्यकता होती है।
*स्तनपान करानेवाली महिलाओं को अधिक पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है, ताकि उनमें अधिक से अधिक दूध बन सके।
गर्भवती की भोजन संबंधी जानकारी:
*गर्भवती महिलाओं के भोजन का प्रभाव होनेवाले बच्चे के वजन पर पड़ता है।
*गर्भावस्था में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक आहार देना चाहिए, ताकि उन्हें किसी प्रकार का शारीरिक कष्ट या बीमारी न हो।
*गर्भावस्था के मध्य काल में महिलाओं को अतिरिक्त 300 किलो कैलोरी ऊर्जा, अतिरिक्त 15 ग्राम प्रोटीन एवं अतिरिक्त 10 ग्राम वसा गर्भावस्था के मध्यकाल से आवश्यक है ।
*गर्भावस्था और स्तनपान कराने के दौरान महिलाओं में कैल्शियम की अधिक आवश्यकता होती है । इससे गर्भ में पल रहे बच्चे की हड्डियों एवं दांत का सही ढंग से विकास होता है और माता में अधिक मात्रा में दूध बनता है।
*गर्भावस्था में आयरन की कमी से होनेवाली एनीमिया के कारण माताओं की मृत्यु दर बढ़ जाती है। इसलिए आयरनयुक्त भोजन का सेवन करना चाहिए।
गर्भावस्था में क्या करेंऔर क्या ना करें:
*गर्भावस्था एवं स्तनपान के दौरान अधिक भोजन करें ।
*सामान्य से अधिक भोजन उचित है ।
*चना, अंकुरित चना और उबला हुआ भोजन का सेवन करें।
*दूध, मांस एवं अंडे खायें।
*अधिक मात्रा में सब्जी एवं फल खायें।
*शराब एवं तंबाकू का सेवन न करें ।
*बिना सलाह के दवा न लें ।
*गर्भावस्था के 14 से 16 सप्ताह के बाद आयरन एवं कैल्शियम अधिक मात्रा में लें और इनकी मात्रा स्तनपान कराते समय भी अधिक होनी चाहिए।
*भोजन से पहले या बाद मे चाय या कॉफी का सेवन न करें इससे शरीर में आयरन की कमी हो जाती है।
*गर्भवती महिलाओं को टहलना एवं अन्य शारीरिक कार्यो की आवयश्कता होती है, परन्तु गर्भावस्था के आखिरी माह में भारी शारीरिक कार्य नहीं करना चाहिए।
रिपोर्ट : राहुल साहू “”सुरेन्द्र सपेरा