लोगों के जीवन को मुश्किल में डालना क्या परीक्षा से ज्यादा जरूरी है : कुंदन सिंह
प्रयागराज | आज उत्तर प्रदेश बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए प्रयागराज के विभिन्न कालेजों में बहुत अधिक मात्रा में छात्रों की भीड़ दिखाई दी, अनेक अभिवावकों के साथ छात्र प्रवेश परीक्षा देने आए, जिस तरह छात्रों का हुजूम दिख रहा है क्या यह छात्रों की गलती है ? नहीं , यह छात्रों की मजबूरी है जहां कोरोना के सबसे ज्यादा पेशेंट जिस देश में निकल रहे हो उसके सबसे बड़े राज्य में बीएड की परीक्षा आयोजित की गई। ये हालत तब है जब एक दिन में नए केस और मौतो का रिकॉर्ड बन रहा है।
लोगों के जीवन को मुश्किल में डालना क्या परीक्षा से ज्यादा जरूरी है। कुछ हुआ तो जिम्मेदारी किसकी? छात्र तो बस बीच में फंसे है क्या करें।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में परीक्षा भवन के गेट पर छात्रों का हुजूम दिखाई दिया जहा कोई सोसल दिस्टेंसिंग नहीं । इसमें छात्रों की गलती नहीं है । छात्र मजबूर है। क्या सब कुछ सही हो रहा है .?
यह नजारा प्रयागराज के इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कुलभस्कर, अनेक विभिन्न कालेजों में देखा गया । छात्रों के हित में कार्य करना होगा , उन्हें प्रमोट भी करना होगा क्योकि कहीं ना कहीं छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
कुन्दन कुमार सिंह ( समाजसेवी) द्वारा प्रेषित