मणि मंजरी राय मामला : आत्महत्या या हत्या ; देखें अब तक कि पूरी रिपोर्ट

मणि मंजरी राय  मामले की गुत्थी आत्महत्या या हत्या ,अभी भी अनसुलझी है | हालांकि बलिया  जिलाधिकारी हरी प्रताप शाही के निर्देश पर विशेष जाँच प्रक्रिया चल रही है | यह मुद्दा अब बलिया से चलकर लखनऊ होते हुए दिल्ली तक पहुँच  गया है | इस पर कांग्रेस की उत्तर प्रदेश अध्यक्ष प्रियंका गाँधी वाड्रा  और  बीजेपी बलिया सांसद  ने  सीधे मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर निष्पछ जांच की मांग कीं हैं |

कौन हैं मणि मंजरी राय ?

मणि मंजरी राय जिला बलिया के मनियर नगर पंचायत  में अधिशासी अधिकारी(E.O.) थीं | पीसीएस क्वालीफाई करके २ वर्ष पूर्व ही इस पद पर कार्यभार संभाली थीं| मणि मंजरी राय मूल रूप से गाजीपुर जिले के भांवरकोल थानान्तर्गत कनुवान गाँव की निवासी थी |इनके पिता जय ठाकुर राय एक सेवानिवृत्त बैंक  कर्मी हैं|

मणि मंजरी राय

 

क्यों रहती थी हमेशा परेशान!

एक ईमानदार और कर्मठता के कार्यशैली के संकल्प के साथ अधिशासी अधिकारी का पदभार सँभालने के बाद से ही अपने कार्यालय की पहले से चली आ रही लापरवाह कार्यप्रणाली से अत्यंत छुब्ध थी | इसकी उन्होंने कई बार सुधार की कोशिश भी की मगर सफल न होने पर उच्च अधिकारीयों से शिकायत भी की लेकिन इसका कुछ खास असर नही दिखा क्योंकि लगभग इस विभाग  से जुड़े सभी कर्मी भ्रष्टाचार के एक ही चादर में लिपटे हुए हैं | जो इस चादर से बाहर हैं वो किसी कारणवश आवाज उठाने में असमर्थ हैं | कुल मिलाकर एक होनहार नवयुवती अधिकारी जो अपने मेहनत के  बलबूते इस नौकरी को पाती है और सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर न कर  पाने के कारण छुट्टी लेकर घर वापस आती है फिर  अपने परिजनों से पूरी गाथा बताती हैं |कुछ दिनों कि छुट्टी बिताकर पुनः अपने कार्यालय में कार्य प्रारम्भ करती हैं | कार्यालय में पहुँचने पर फाइलों की जाँच करने पर उन्हें उनकी फर्जी हस्ताक्षरों के साथ कई फाइलें मिली जिसकी शिकायत उन्होंने अपने बड़े अधिकारीयों से की कि उन्हें फ़साने की कोशिश की गयी है मगर पुनः कोई संतोषजनक सुनवाई नही होने से व्यथित थी |

इनके भाई विजयानंद राय का आरोप

इस आत्महत्या मामले के  बाद से तो पूरा परिवार और क्षेत्रो में शोकाकुल माहौल  था| इनके पिता ने तो साफ़ तौर पर कहा कि यह आत्महत्या नही हत्या है | इनके भाई ने एफ आई आर में नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता समेत ६ लोगों पर नामजद शिकायत दर्ज कराया और विशेष व् निष्पछ जाँच की मांग की |इन सभी आरोपित लोगों में भीम गुप्ता के अलावा टैक्स लीपक विनोद सिंह ,अधिशासी अधिकारी संजय राव ,कंप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश के अलावा अन्य भी आरोपित हैं |

आरोपित लिपिक अखिलेश

मिला अहम सुराग 

हालांकि मौके पर मिला सुसाइड नोट सिस्टम पर सवालिया निशान उठाते हुए बहुत कुछ बयां करता है फिर भी अब तक हुई कार्यवाही में मणि मंजरी राय के समपदस्थ आरोपित अधिशासी अधिकारी संजय राव का गाड़ी चालक चन्दन वर्मा गिरफ्तार हुआ है | जिससे पूछताछ चल रही है | पोस्टमार्टम  रिपोर्ट में तो हैंगिंग का मामला आया है |

जांच के इतर 

कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर सामान्य वेतन पर २००८ से  कार्यरत  आरोपित अखिलेश की भ्रष्टाचार में लिप्तता को देखकर एक बार मणि मंजरी राय ने ऑफिस से भगा भी दिया था लेकिन तत्कालीन चेयरमैन संजय सिंह के  हस्तक्षेप पर पुनः ड्यूटी आदेशित कर  दी लेकिन सीसी टीवी कैमरा के द्वारा कार्य पर अपने अलग किये गए ऑफिस से नजर रखती थी | आरोपित अखिलेश की ८ सालो में वेतन बढकर १५००० हुई लेकिन व्यक्तिगत सम्पति में करोणों का इजाफा हुआ यह भी एक जांच विषय है कि किस प्रकार यह विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त थ जिससे व्यथित होकर एक होनहार और कर्मठ बिटिया को इस दुनिया को छोडकर जाने का कठोर कदम उठाना पड़ा |

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