नीलगाय रोज उजाड रहे किसानों की फसलें : किसानों की फसले कर रहेँ चौपट
बिरधा-विकास खण्ड बिरधा के अन्तर्गत आनें बाले ग्राम करमरा,मगरपुर,बछलापुर,बम्हौरी बिरधा, पटौआ, कैथोरा, ठगारी, बरौदिया, डोगराकला, बेटना, सलैया, पिपारिया, अन्डेला, खितंवाश, छिल्ला,मिर्चवारा, पटसेमरा, सतरवाश, ऐरावनी, भौता, नीमखेरा, हरपुरा, रीछपुरा, सतौरा, पाली, सिमरधा आदि गांवो में नील गाय किसानों की फसले चौपट कर रहेँ हैं । किसान दिन रात खेतों पर रखबाली कर रहेँ हैं तथा रात्रि के समय बिषैले कीडे मकोडो का शिकार भी हो रहेँ हैं ।
पिछले कुछ बर्षों में जंगलों से नील गाय मैदानी इलाकों में आ गयीं हैं मौजा बम्हौरी बिरधा स्थित”मगरपुर “की टौरिया पर अपना आशयाना बनायें हुये हैं तथा रात्रि के समय किसानों के खेतों में कूच करके पूरी फसलें नष्ट कर देते हैं । आलम यह है कि यह सैकड़ो की संख्या में हैं तथा लम्बे समय इसी ऐरिया में रूकने के कारण प्रजनन क्षमता से बच्चे भी पैदा हो गयें हैं जिनसे इनकी संख्या दिनों दिन बढती जा रहीं हैं तथा किसानों को अपनी फसलें की रखबाली की चिंता दिनो दिन बढती जा रहीं हैं ।
मगरपुर की टौरिया,पठारी की टौरिया,मैनवार की टौरिया पर ये अपना ठिकाना बनाये हुए हैं ।
इस सम्बन्ध में मा जिलाधिकारी महोदय जी,मा कमिश्नर साहब जी को क्षेत्र वासियों द्वारा अपनी पीढा लिखित व मौखिक बतायी लेकिन प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया गया है जिससे किसान दिनों दिन परेशान हो रहा हैं ।
कभी अति अतिव्रष्ट्री तो कभी ओलाब्रष्ट्री तो कभी तेज हबाये से जिले का किसान परेशान तथा आर्थिक तंगी में अपना जीवन यापन कर रहाँ है तथा कर्जे में फसकर आत्माहत्याओ को गले लगा रहा हैं ।तथा जनप्रतिनिधि व शासन प्रशासन किसानों की समस्याओं के प्रति उदासीन बना हुआ है ।तथा बीमा कम्पनी किसानों के साथ धोखा कर रहीं हैं तथा किसानों के लाखों करोडों रू बीमाकी राशि लेकर बीमा देने में आना कानी कर रहीं हैं ।
नीलगाय (रोज)को वन्य सरंक्षण प्राप्त हैं तथा सरकार की निगरानी में ऐसे पशुओं/जानवरों को क्षति पहुंचाने कानूनी अपराध है ।
समस्त क्षेत्र वासियों ने मा जिलाधिकारी महोदय जी से नील गायों (रोज)को पकडवा कर वन्य जीव बिहार या चिडिया घरों में/या बडे जगलो में छोडा जायें जिससे किसान अपनी फसल सुरक्षित उगा सकें ।
रिपोर्ट : राहुल साहू “”खिरिया