स्वदेशी है परम अनन्त सुपर कंप्यूटर, प्रति सेकेंड 838 लाख करोड़ करेगा गणना

कंप्यूटर आधारित दुनिया आज आगे बढ़कर सुपर कंप्यूटर की ओर बढ़ चुकी है। विश्व के साथ भारत भी इस कंप्युटरकृत तकनीक में तेजी से आगे कदम बढ़ा रहा है। इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत परम अनंत सुपर कंप्यूटर को IIT गांधीनगर में कमीशन किया गया। परम अनंत सुपर कंप्यूटर का विकास इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और विभाग एवं प्रौद्योगिकी विभाग की एक संयुक्त पहल है। कम्प्यूटिंग बुनियादी ढांचे को पहले से ही चार प्रमुख संस्थानों में स्थापित किया जा चुका है और 9 और संस्थानों में तेजी से स्‍थापित करने का कार्य प्रगति पर है।

परम अनंत सुपर कंप्यूटर

सुपर कम्प्यूटिंग मिशन प्रगति प्रगति करते हुए परम अनंत नामक सुपर कंप्यूटर का विकास किया है। परम अनंत सुपर कंप्यूटिंग फैसिलिटी की स्थापना NSM के चरण 2 के तहत की गई है। इस प्रणाली को बनाने के लिए अधिकांश कंपोनेंट का विनिर्माण और असेंबल ‘मेक इन इंडिया’ के तहत किया गया है। परम अनंत सुपर कंप्यूटर सी-डैक द्वारा विकसित स्वदेशी सॉफ्टवेयर स्टैक के साथ-साथ देश में किया गया है। इसमें मौसम और जलवायु, कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनामिक्स, जैव सूचना विज्ञान और मैटेरियल साइंस जैसे डोमेन हैं। मंत्रालय के अनुसार उच्च क्षमता का यह सुपर कंप्यूटर 838 लाख करोड़ गणना प्रति सेकेंड कर सकता है।

मेक इन इंडिया की दिशा में एक कदम

सी-डैक चरणबद्ध रूप से स्वदेशी सुपरकंप्यूटिंग इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है, जो स्वदेशी रूप से डिजाइन और विनिर्मित सुपर कंप्यूटरों के लिए अग्रणी है। इसने कंप्यूटर सर्वर ‘‘रुद्र’’ और उच्‍च गति वाले इंटरकनेक्ट ‘‘त्रिनेत्र’’ को डिजाइन और विकसित किया है, जो सुपर कंप्यूटरों के लिए आवश्यक प्रमुख उप-असेंबलियां हैं। इस प्रणाली के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले अधिकांश घटकों को सी-डैक द्वारा स्वदेशी सॉफ्टवेयर स्टैक के साथ भारत में निर्मित और असेंबल किया गया है। यह भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल की दिशा में एक कदम है।

नई टेक्नोलॉजी का हो रहा इस्तेमाल

परम अनंत सिस्टम हाई पावर उपयोग प्रभावशीलता प्राप्त करने के लिए डायरेक्ट कॉन्टेक्ट लिक्विड कूलिंग टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो परिचालनगत लागत को कम करती है। यह प्रणाली सीपीयू नोड्स, जीपीयू नोड्स, हाई मेमोरी नोड्स, हाई थौरोपुट स्टोरेज एवं हाई परफार्मेंस इनफिनीब के मिक्स सुसज्जित है और विभिन्न वैज्ञानिक अनुप्रयोगों की कंप्यूटिंग आवश्यकताओं को पूरी करने के लिए इंटरकनेक्ट है। अभी तक 24 पेटाफ्लॉप की संचयी कंप्यूटिंग क्षमता के साथ देश भर में 15 सुपरकंप्यूटर संस्थापित किए जा चुके हैं। इन सभी सुपरकंप्यूटरों का विनिर्माण भारत में किया गया है और ये स्वदेशी तरीके से विकसित सॉफ्टवेयर स्टैक पर काम कर रहे हैं।

क्या है राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन (NSM)

भारत राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटिंग मिशन (एएसएम) के साथ उच्च शक्ति कंप्यूटिंग में एक अग्रणी मार्ग दर्शक के रूप में तेजी से उभर रहा है। अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन को शुरू किया गया है ताकि उन्हें सुपरकंप्यूटिंग ग्रिड बनाने के लिए राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन) के साथ जोड़ा जा सके। NSM पूरे देश में शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में सुपरकंप्यूटिंग सुविधाओं का एक ग्रिड स्थापित कर रहा है। इस मिशन (NSM) के चार प्रमुख स्तंभ हैं, जिनके नाम बुनियादी ढांचा, अनुप्रयोग, अनुसंधान एवं विकास, मानव संसाधन विकास हैं। ये स्तंभ देश के स्वदेशी सुपरकंप्यूटिंग इकोसिस्टम को विकसित करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कुशलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं।

कई तरह से है उपयोगी

भारत के अनुसंधान संस्थानों का नेटवर्क, उद्योग के सहयोग से, भारत में अधिक से अधिक कलपुर्जे बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षमता को बढ़ा रहा है। इस सुपर कंप्यूटर के कमीशन हो जाने से संस्थान में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह हाई एंड कंप्यूटिंग सिस्टम शोधकर्ता के लिए एक बड़ा मूल्य वर्धन साबित होगी। भारत में सुपरकंप्यूटरों के डिजाइन तैयार करने और स्वदेश में उनका निर्माण करने की क्षमता उत्पन्न करके शैक्षणिक समुदाय, अनुसंधानकर्ताओं, एमएसएमई, और स्टार्टअप्स की रुचि तेजी से आगे बढ़ी है।

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