रामानुज पंचांगम का हुआ विमोचन

नैमिषारण्य भगवान नैमिषनाथ रामानुज कोट अष्टम भू बैकुंठ के मंदिर प्रांगण में नव वर्ष चैत्र प्रतिपदा से प्रारंभ होने वाले श्री रामानुजाब्द 1004 विक्रम संवत 2078 शक संवत 1943 आनंदनामाब्द गति कल संवाद 5122 श्री कृष्ण जन्म संवत 5248 माह चैत्र/ वैशाख ऋतु- बसंत सूर्य- उत्तरायण का पंचांग परम पूज्य श्री श्री 1008 स्वामी श्री इंदिरारमणाचार्य पीठाधीश्वर श्री जीयर स्वामी मठ जगन्नाथ पुरी एवं पीठाधीश्वर श्री श्री नैमिषनाथ भगवान रामानुज कोट अष्टम भू बैकुंठ तथा जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री कृष्णाचार्य पीठाधीश्वर लक्ष्मी नारायण मंदिर नैमिषारण्य के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ।


पंचांग के विमोचन के पश्चात परम पूज्य स्वामी इंदिरारमणचार्य ने कहा कि आचार्यों की कृपा से हमारे परम प्रिय शिष्य श्री रामानुज संप्रदाय के गौरव भारत के महामहिम राष्ट्रपति से सम्मानित ज्योतिष व्याकरण आदि विषयों के आचार्य डॉक्टर राम नारायण मिश्र एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती युगल किशोरी जी के संयुक्त अथक प्रयास से विगत 6 वर्षों से भारतीय परंपराओं के अनुरूप संवत्सरी श्री रामानुज पंचांगम की 11000 प्रतियां प्रकाशित करवा कर संपूर्ण प्रतियों को समाज में विशेषकर श्री वैष्णवो को लोक कल्याणार्थ की भावना एवं आचार्य आज्ञा के अनुपालानार्थ निशुल्क वितरित करते हैं। यह पंचांग नियमानुसार सभी विषयों का प्रतिपादन करते हुए उत्तरोत्तर हमारे श्री संप्रदाय के गूढतम रहस्य निर्णयो की आवश्यक जानकारियों से समाविष्ट करने का अतुलनीय प्रयास प्रशंसा के योग्य है।

श्री सुभद्रा जी जगन्नाथ भगवान तथा बलभद्र जी की कृपा सदा बनी रहे यह पंचांग समाज एवं राष्ट्र के हित में काम आवे।
उक्त अवसर पर धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास स्वामी राम प्रपन्नाचार्य डॉ रमेश चंद्र दीक्षित आचार्य राम मोहन आचार्य धनेश आचार्य विवेक आचार्य राम जी वैदिक कथा व्यास आशुतोष पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास श्री किशोरी जी रामानुज दासी प्राचार्य निर्मला पांडे नारायणी रामानुज दासी श्रद्धा एडवोकेट सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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