सात घोड़ों पर सवार होकर निकलते हैं सूर्य
धर्म : पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य भगवान सात घोड़ों द्वारा चलाए जा रहे रथ पर सवार होते हैं।
ऋग्वेद में कहा गया है कि ‘सप्तयुज्जंति रथमेकचक्रमेको अश्वोवहति सप्तनामा’ यानी सूर्य चक्र वाले रथ पर सवार होते हैं जिसे सात नामों वाले घोड़े खींचते हैं।
इन घोड़ों की लगाम अरुण देव के हाथों में होती है। लेकिन सूर्य देव द्वारा सात ही घोड़ों की सवारी क्यों की जाती है?
भगवान सूर्य के रथ को संभालने वाले इन सात घोड़ों के नाम हैं,
गायत्री, भ्राति, उस्निक, जगति, त्रिस्तप, अनुस्तप और पंक्ति।
कहा जाता है कि यह सात घोड़े एक सप्ताह के सात दिनों को दर्शाते हैं।
सूर्य के रथ की खूबियों के विषय में शास्त्रों में बताया गया है कि इस रथ का विस्तार नौ हजार योजन है। इसका धुरा डेड़ करोड़ सात लाख योजन लम्बा है।
संवत्सर इसके पहिये हैं जिसमें छः ऋतुएं नेमी रुप से लगे हुए हैं। बारह महीने इसमें आरे के रुप में स्थित हैं।