संभल: हर साल होली के बाद आयोजित होने वाले नेजा मेले को इस बार पुलिस प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। यह मेला सैयद सालार मसूद गाजी की याद में लगाया जाता था, लेकिन पुलिस का कहना है कि किसी हमलावर या लुटेरे के नाम पर आयोजन करना सही नहीं है।
प्रशासन ने क्यों रोकी अनुमति?
मेले की अनुमति के लिए आयोजकों ने पुलिस प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों से मुलाकात की। लेकिन अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) श्रीशचंद्र ने साफ कहा कि इतिहास में जिन लोगों ने देश को नुकसान पहुंचाया है, उनके नाम पर मेले का आयोजन नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई गलत परंपरा सालों से चली आ रही है, तो उसे बदलना जरूरी है।
यह मेला सैयद सालार मसूद गाजी की याद में आयोजित किया जाता था, जो महमूद गजनवी का भांजा और सेनापति था। गजनवी ने 1000 से 1027 ईस्वी के बीच भारत पर 17 बार आक्रमण किया था, जिसमें सोमनाथ मंदिर सहित कई महत्वपूर्ण मंदिरों को लूटा गया था।
सामाजिक सौहार्द बनाए रखने का फैसला
इससे पहले SDM डॉ. वंदना मिश्रा से भी आयोजकों ने अनुमति की मांग की थी, लेकिन उन्होंने भी इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया। प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय शांति व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी संभावित विवाद से बचने के लिए लिया गया है।
क्या है नेजा मेले का इतिहास?
नेजा मेला सैयद सालार मसूद गाजी की याद में आयोजित किया जाता था, जो महमूद गजनवी का भांजा और सेनापति था। ऐतिहासिक रूप से, गजनवी ने भारत पर कई बार आक्रमण किए थे और कई धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया था। इसी कारण पुलिस ने ऐसे व्यक्ति के नाम पर मेले को अनुचित बताते हुए इसकी अनुमति नहीं दी।
क्या आगे लगेगा मेला?
इस साल नेजा मेले का आयोजन नहीं होगा। हालांकि, आयोजकों की ओर से इसे लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। प्रशासन का कहना है कि किसी भी तरह की धार्मिक या सांप्रदायिक भावनाओं को आहत करने वाले आयोजनों पर सख्त नजर रखी जाएगी और शांति व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी।