आज 26 नवंबर से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ :- धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास
शारदीय नवरात्र की बहुत-बहुत बधाई बहुत-बहुत मंगलकामनाएं आज 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। कुल 4 नवरात्रियां होती हैं। प्रथम चैत्र शुक्ल पक्ष में द्वितीय आषाढ़ शुक्ल पक्ष में एवं तृतीय शारदीय नवरात्रि तथा चतुर्थ माघ मास शुक्ल पक्ष में होती है। अधिकांशतः चैत्र और शारदीय नवरात्र में ही लोग उपासना पूजन मां भगवती परांबा की करते हैं । आषाढ़ मास एवं माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। 9 दिनों तक व्रत का संकल्प लेते हुए साधक नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करते हैं। प्रतिदिन सुबह और सांय मां दुर्गा की पूजा करते हैं।अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं के पूजन के साथ व्रत का उद्यापन किया जाता है।
गृहस्थ व्यक्ति भी इन दिनों में भगवती दुर्गा की पूजा आराधना कर अपनी आन्तरिक शक्तियों को जागृत करते हैं ,इन दिनों में साधकों के साधन का फल व्यर्थ नहीं जाता है,इन दिनों में दान पुण्य का भी बहुत महत्व कहा गया है।
स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए नवरात्रि के समय व्रत रखें इन दिनों में फल आदि का सेवन ज्यादा करें। प्रतिदिन प्रातः और सायंकाल माँ दुर्गा की आराधना अवश्य करें।
प्रथमं शैलपुत्री च द्वतीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चंद्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकं।।
पंचमं॒ स्कंदमातेति षष्टं कात्यायनीति च ।
सप्तम॒ कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमं॒।।
नवमं॒ सिद्धिदात्री च नवदुर्गा प्रकीर्तिता:। उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना।।
दुर्गा सप्तशती के द्वारा कहे गए दुर्गा कवच में इस श्लोक के द्वारा प्रतिदिन इन देवियों की पूजा करनी चाहिए। निम्न मंत्र द्वारा निरंतर जपने और हवन के साथ आहुति देने से कार्य चमत्कारी रूप से सिद्ध हो सकता है।
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री
स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।
प्रतापगढ़ में 51 शक्तिपीठों में एक आयु की देवी मां वाराही देवी स्थित है जहां भक्तों द्वारा विशेष आराधना की जाती है। 4 अक्टूबर को नवमी की नवरात्रि की समाप्ति होगी पारणा प्रातः 7 :54 से दिन में 1:17 तक करें।
दासानुदास ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास रामानुज आश्रम संत रामानुज मार्ग शिवजी प्रतापगढ़
नोट :- परम श्री वैष्णव यह व्रत नहीं करते हैं।