6 फरवरी 2024 माघ मास कृष्ण पक्ष की षटतिला एकादशी है, जानें पूजा मुहूर्त
षटतिला एकादशी की बहुत-बहुत बधाई । 6 फरवरी दिन मंगलवार को माघ मास कृष्ण पक्ष की षटतिला एकादशी है।
युधिष्ठिर के पूछने पर भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि हे राजेंद्र, माघ मास कृष्ण पक्ष में जो एकादशी आती है। उसे षटतिला एकादशी कहते हैं।
षटतिला एकादशी की पाप हरनी कथा मुनि दालभ्य ने पुलस्त्य ऋषि को बताया था। इस दिन मुझ श्री कृष्ण की पूजा करनी चाहिए। चंदन, अरगजा, कपूर , नैवेद्य आदि सामग्री से शंख चक्र और गदा धारण करने वाले देवदेवेश्वर श्रीहरि की पूजा करें। तत्पश्चात भगवान का स्मरण करके बारंबार श्री कृष्ण का नाम उच्चारण करें।
भगवान से कहें कि हे सच्चिदानंद स्वरुप श्री कृष्ण आप बड़े दयालु हैं, हम आश्रयहीन जीवों के आप आश्रयदाता होइए। पुरुषोत्तम इस संसार समुद्र में हम सब डूब रहे हैं। आप प्रसन्न होइए, कमलनयन आपको बारंबार नमस्कार है विश्वभावन आपको नमस्कार, शुभ ब्रम्हण महापुरुष सब के पूर्वज आपको नमस्कार, जगतपति आप लक्ष्मी जी के साथ मेरा दिया हुआ अर्ध्य स्वीकार करें। तत्पश्चात ब्राह्मण की पूजा करें उसे जल का घड़ा दान करें साथ ही छाता, जूता और वस्त्र भी दान करें। अपनी शक्ति के अनुसार ब्राह्मण को काली गऊ का दान करें। पुरुषों को चाहिए कि वह तिल से भरा हुआ पात्र भी दान करें ।उन तिलो को बोने पर उनसे जितनी शाखाएं पैदा होती हैं उतने हजार वर्षों तक वह स्वर्ग लोक में प्रतिष्ठित होता है। तिल से स्नान करें, तिल का उबटन लगाएं ,तिल से होम करें, तिल मिलाया हुआ जल पान करे, तिल का दान करें, और तिल का भोजन के काम में लें, इस प्रकार छः कामों का तिल का उपयोग करने से यह षटतिला एकादशी कहलाती है ।जो सब पापों का नाश करने वाली है।
ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास ,रामानुज आश्रम, संत रामानुज मार्ग, शिव जी पुरम प्रतापगढ़।
कृपा पात्र श्री श्री 1008 स्वामी श्रीश्री इंदिरारमणाचार्य पीठाधीश्वर श्री जीयर स्वामी मठ जगन्नाथ पुरी एवं पीठाधीश्वर श्री नैमिष नाथ भगवान रामानुजदासी कोट अष्टम भू बैकुंठ नैमिषारण्य।
नोट:– दिनांक 7 फरवरी 2024 को 8:52 तक पारणा करना है