सोरों कछ्ला घाट पर सम्पन्न हुयी काल सर्प दोष की पूजा। पण्डित वीरेंद्र बल्लभ व्यास ने पूर्ण विधि विधान से कराया पूजन।

कासगंज।सोरों क्छ्ला घाट स्थित गंगा के तट पर नाग पंचमी के अवसर पर पण्डित बीरेन्द्र बल्लभ व्यास(गुड्डू गुरु) ने कालसर्प दोष निवारण की पूजा बाहर से आये हुये यात्रियों की पूरे विधि विधान से सम्पन्न करायी एवं पूजा मे शोसल डिस्टेंस का पालन किया गया ओर सेनेटाइज़र आदि की भी व्य्ब्स्था की गयी।

पण्डित बीरेन्द्र बल्लभ व्यास ने कालसर्प दोष के बारे मे बताया कि कालसर्प दोष पूजा तब की जाती हैं जब जन्म कुंडली मे राहु और केतु के अंतर्गत सारे ग्रह आ जाते है तब ये कालसर्प दोष बनता है वैसे ये 12 प्रकार के होते है जैसे उनके नाम है अनंत , कुलिक ,वासुकि ,शंखचूड़ पदम , महापदम , तक्षक , कर्कोटक, शंखनाद , पातक , विषाक्त शेषनाग ये जिस कुंडली के भाव मे होता है उसे उसी भाव संबधित समस्या होती है राहु मुख ओर केतु पुंछ है इसमें विभिन्न प्रकार की परेशानी आती है जैसे विवाह में व्यापार संतान पढ़ाई नोकरी आदि मे समस्या आती है तब इस पूजा का आयोजन नाग पंचमी के दिन बताया गया है।

रिपोर्ट सचिन उपाध्याय

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