सुदीक्षा भाटी केस में दो संदिग्ध गिरफ्तार , पुलिस आज कर सकती है बड़ा खुलासा
विदेश में पढाई करने वाली छात्रा सुदीक्षा भाटी की सड़क हादसे में मौत के मामले में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्त में लिया है। दोनों आरोपी बुलंदशहर के ही निवासी हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने मामला तुल पकड़ने पर पुलिस से छिपने के लिए काले रंग की बुलेट पर मिलिट्री के कलर की पॉलीथिन चढ़वा दी थी। नंबर प्लेट पर लिखा जाति सूचक शब्द मिटाकर कर नई नंबर प्लेट लगवा दी गई है । पुलिस रविवार को मामले पर का बड़ा खुलासा कर सकती है। एएसपी संतोष कुमार सिंह का कहना है कि इस घटना से सम्बंधित दो संदिग्ध युवको को हिरासत में लेकर पुलिस कड़ाई से पूछताछ कर रही है।
इस मामले में एसआईटी की गठन कर गहन जाँच पड़ताल शुरू कर दी गई थी। किन्तु घटना के इतने दिनों बाद भी कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया था। सूत्रों की माने तो पुलिस को एक सुराग हाथ लगी है जिसमे बुलंदशहर के भूड़ चौराहे से काले रंग के बुलेट पर सवार दो युवको ने सुदीक्षा की बाइक का पीछा किये थे। वे बाइक आगे पीछे अपनी बुलेट को कर थे। पुलिस का कहना है कि रास्ते में मिले कुछ लोगो से भी पूछताछ कर जानकारी जुटाई जा रही है।
पुलिस टीम का यह भी कहना अगर उनलोगों ने छेड़छाड़ नहीं की है तो फिर छिपकर क्यों बैठे हैं। हमारे कहने पर सैकड़ों काले बुलेट मालिकों ने पेश होकर अपनी जानकारी साझा की है। फिर वे क्यों नहीं आये ?पुलिस आज इस पुरे घटनाक्रम पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ बड़ी खुलासा कर सकती है।
आपको बता दे की पिछले दिनों सुदीक्षा अपने रिश्तेदार के साथ बाइक से ननिहाल जा रही थी जिस दौरान उसकी बाइक का रोड एक्सीडेंट हो जाने के कारन मौके पर ही मौत हो गई थी। सुदीक्षा के पिता जितेंद्र भाटी ने आरोप लगाया था कि, सुदीक्षा अपने ननिहाल बुलंदशहर जा रही थी। लेकिन कुछ बुलेट सवार युवकों ने सुदीक्षा की बाइक की पीछा करते हुए छेड़खानी कर रहे थे। छेड़खानी के कारण ही औरंगाबाद थाना क्षेत्र में हादसा हुआ और उसमें सुदीक्षा की मौत हो गई।
सुदीक्षा भाटी ग्रेटर नोएडा के दादारी थाना क्षेत्र में डेरी स्कैनर गांव की रहने वाली थी। पिता जितेंद्र भाटी ढाबा चलाकर परिवार का गुजारा करते हैं। गरीब परिवार से सम्बन्ध रखने के बावजूद सुदीक्षा ने अपनी मेहनत के बल पर एचसीएल से 3.80 करोड़ का स्कॉलरशिप हासिल की थी। वह अमेरिका के बॉबसन कॉलेज में बिजनेस मैनेजमेंट की पढाई कर रही थी। सुदीक्षा जून में भारत वापस लौटी थी और उसे 20 अगस्त को फिर से अमेरिका लौटना था। लेकिन इससे पहले ही वह इस दुनिया को छोड़ गई।