यूपी बीजेपी में तनाव के बीच आज दिल्ली पहुँचे सीएम योगी, मोदी-शाह और नड्डा से मुलाकात

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ औपचारिक तौर पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल होंगे। चर्चा के मुख्य विषयों में चुनावी हार के कारणों पर मंथन और प्रदेश में सरकार और संगठन के बीच चल रही खींचतान शामिल हो सकते हैं।

नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगे योगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 और 28 जुलाई को बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ नीति आयोग की बैठक करेंगे। इस दौरान लोकसभा चुनाव के परिणामों, मोदी 3.0 के पहले बजट और 100 दिनों की कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी की महत्वपूर्ण मुलाकातें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिल्ली यात्रा का मुख्य उद्देश्य भले ही नीति आयोग की बैठक हो, लेकिन सभी की निगाहें प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री शाह और बीजेपी अध्यक्ष नड्डा के साथ होने वाली बैठकों पर टिकी हैं। यह पहली बार है जब लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से औपचारिक मुलाकात करेंगे। इससे पहले 14 जुलाई को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में जेपी नड्डा से उनकी मुलाकात हुई थी।

सरकार-संगठन के बीच तनाव पर चर्चा संभव

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आक्रामक तेवर और संगठन को सरकार से बड़ा बताने के उनके बयानों के बीच सरकार और संगठन के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। मौर्य पार्टी और गठबंधन के नेताओं से मेल-मिलाप बढ़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी की ताबड़तोड़ बैठकों और तैयारियों से संकेत मिलते हैं कि वे दिल्ली में होने वाली बैठकों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

चुनाव से पहले ‘ऑल इज वेल’ की कोशिश

पार्टी की कोशिश होगी कि चुनावी हार के कारणों और तमाम मुद्दों को समय रहते सुलझाया जाए। सरकार और संगठन के बीच का मsतभेद अब मनभेद में बदलता जा रहा है, और शीर्ष नेतृत्व को ठोस उपाय निकालना जरूरी हो गया है। आने वाले समय में प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव और 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन ने लोकसभा चुनाव में 43 सीटें जीती हैं, जबकि बीजेपी ने 33 सीटें। ऐसे में पार्टी के लिए चिंता का विषय है कि विधानसभा चुनाव से पहले सभी मुद्दों को सुलझाया जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिल्ली दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री की लखनऊ वापसी के बाद सरकार और संगठन के बीच की खींचतान थमती है या इसमें कोई नया मोड़ आता है।

देश में जो राजनीतिक हालात चल रहे हैं, वे साधारण नहीं हैं। नए भारत की शिक्षित जनता इन राजनीतिक गतिविधियों को समझने में काफी हद तक सक्षम भी है। इसमें अच्छी शिक्षा और तकनीकी ज्ञान का भी काफी बड़ा योगदान है। देश के लिए नीतियाँ बनाने वाले नेताओं के लिए ज़रूरी है कि उनके पास अच्छी शिक्षा के साथ-साथ टेक्नोलॉजी की भी अच्छी समझ हो। इसके अलावा, उनका स्वस्थ और फिट रहना भी महत्वपूर्ण है। इसलिए, आज के नीति-निर्माताओं, युवाओं और देश के हर नागरिक को अपने जीवन में योग, व्यायाम और डाबर च्यवनप्राश जैसे आयुर्वेदिक स्वास्थ्य पूरकों का सेवन शामिल करना चाहिए। एक स्वस्थ और शिक्षित भारतीय ही वास्तविक परिवर्तन ला सकता है।

 

 

साभार क्लिक इंडिया

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