काशी विश्वनाथ पवित्र नगरी वाराणसी में गंगा घाट पर पूजा-अर्चना एवं धार्मिक कर्मकांड करने के लिए अब कोई शुल्क नहीं लगेगा।
ज्ञात हो कि वाराणसी नगर निगम द्वारा घाटों पर अलग-अलग कार्यक्रमों के लिए एक निश्चित शुल्क तय किया गया था। प्रतिदिन के आधार पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए चार हजार रुपये, धार्मिक आयोजन के लिए 500 रुपये और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए 200 रुपये फिक्स हुआ था। यह शुल्क एक से 15 दिनों तक चलने वाले आयोजनों के लिए था। इसके अलावा 15 दिन से लेकर एक साल तक चलने वाले आयोजनों पर वार्षिक शुल्क के रूप में पांच हजार रुपये तय हुआ था।
नगर निगम के इस फैसले का चौतरफा विराेध होने के बाद उत्तर प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. नीलकंठ तिवारी ने कमिश्नर दीपक अग्रवाल एवं नगर आयुक्त गौरांग राठी से फोन पर बात की और इस फैसले को अनुचित बताया। उन्होंने इस पर फौरन रोक लगाए जाने लिए कहा है। श्री तिवारी ने कहा कि वाराणसी एक धार्मिक नगरी है। दुनिया भर से लोग यहां पर आस्था को लेकर आते हैं और घाटों पर पूजा अर्चना एवं धार्मिक कार्य के साथ-साथ कर्मकांड यहां के पंडा द्वारा कराते हैं। ऐसी स्थिति में पंडो से शुल्क लिया जाना किसी दृष्टि से भी व्यवहारिक नही है।