वृक्षों को लगाने से ज्यादा संरक्षित करने की आवश्यकता:– धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडेय अनिरुद्ध दास रामानुज

प्रतापगढ़ संत निवास सेनानी ग्राम देवली में भगवान श्री कृष्ण के जन्म की छट्ठी के पावन पर्व पर वृक्षारोपण के पश्चात धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुजदास ने कहा कि वृक्षों को लगाने से ज्यादा उनको संरक्षित करने की आवश्यकता है। भगवान श्री कृष्ण ने प्रकृति के संरक्षण हेतु गोवर्धन को धारण किया था तथा इंद्र के प्रकोप से गोप वालों की रक्षा किया था। लोग वृक्ष लगा देते हैं लेकिन उनमें जल डालना भूल जाते हैं। वृक्षों को लगाने के पश्चात उन्हें संरक्षित करने हेतु ध्यान देना चाहिए। दिनांक 12 सितंबर 2023 की रात्रि से अच्छी जलवृष्टि हो रही थी। बिगत दिनों दास ने जो अपनी और नारायणी की 50वीं पाणिग्रहण संस्कार की वर्षगांठ पर 50 आम के वृक्ष लगाए थे। उसमें से लगभग 10 पेड़ सूख गए थे। दास पुनः उनके स्थान पर नए वृक्षों को संरक्षित करने के लिए यादव नर्सरी चिलबिला से दशहरी चौसा लंगड़ा आम ले जाकर माताजी के नाम पर स्थित शारदा वाटिका में आज 13 सितंबर को रोपित किया साथ में ओ पी यादव एवं पुष्पेंद्र वर्मा रहे।
बहुत ही सुखानुभूति हो रही है। हमारे पूर्वजों ने देवली ग्राम के अंदर कुल 8 बाग लगाया था।
एक बाग लगभग पांच बीघे की एक बाग लगभग तीन बीघे की एक बाग लगभग एक बीघा 14 विश्वा की एक बाग लगभग दो बीघा आठ विश्वा की एक बाग एक बीघा चार विश्वा की और छोटी-छोटी अन्य बगिया लगाया था। गांव के किसी भी आदमी को शादी विवाह में तेरही बरखी में किसी अन्य पर प्रयोजन में लकड़ी की आवश्यकता होती है तो वह माई से मांग कर ले जाता था लोग बाग में आम महुआ भी खाते हैं।जो आम महुआ होता है वह बेंचा नहीं जाता हे। सूखा हुआ महुआ भले बेंच दिया जाता है।
अब इतने बड़े आम महुआ के पेड़ तो हम लोग नहीं लगा पा रहे हैं लेकिन इन वृक्षों को लगाकर मन को शांति मिलती है कि पुनः फलदार वृक्ष लगाकर पूर्वजों को हम अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर सके। यदि उसके पास भूमि है तो वृक्षों को जरूर लगाएं यदि वृक्ष ना लगा सकें तो अपने घर में गमले में तुलसी का ही पौधा लगाएं। इससे मन को शांति एवं प्रकृति के संरक्षण में सहयोग मिलेगा।

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