नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 लोकसभा में बहुमत से पारित हो गया। इस विधेयक के पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि इसके खिलाफ 232 सांसदों ने मतदान किया। इस संशोधन विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों से जुड़े कानूनों में बदलाव करना और अवैध कब्जों को रोकना है।
विधेयक के प्रमुख बिंदु:
1. वक्फ संपत्तियों की नई समीक्षा:
संशोधित कानून के तहत अब सभी वक्फ संपत्तियों की दोबारा जांच होगी और अगर कोई संपत्ति अवैध रूप से वक्फ बोर्ड के नाम दर्ज हुई है, तो उसे वापस किया जाएगा।
2. अवैध कब्जों पर सख्त कार्रवाई:
नए प्रावधानों के तहत, यदि कोई वक्फ संपत्ति पर अवैध कब्जा करता है या गलत तरीके से वक्फ संपत्ति घोषित करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
3. राज्यों की भूमिका बढ़ी:
इस संशोधन के तहत अब राज्यों को भी वक्फ संपत्तियों की जांच और पुनर्मूल्यांकन का अधिकार दिया गया है।
4. विवादों के निपटारे के लिए नया प्रावधान:
अगर कोई संपत्ति वक्फ के अंतर्गत आती है या नहीं, इस पर विवाद होने की स्थिति में अब एक स्वतंत्र न्यायिक समिति निर्णय लेगी।
संसद में क्या हुआ?
विधेयक पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। सरकार का तर्क था कि यह कानून जमीन से जुड़े विवादों को हल करेगा और अवैध कब्जों को खत्म करेगा। वहीं, विपक्ष ने इसे धार्मिक संस्थानों के अधिकारों में दखल बताया।
कानून मंत्री ने संसद में कहा, “हम केवल यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी संपत्ति गलत तरीके से वक्फ घोषित न हो। इससे कानून का दुरुपयोग रुकेगा और पारदर्शिता आएगी।”
विपक्ष का विरोध
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार इस कानून के जरिए अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्तियों को निशाना बना रही है। कई सांसदों ने यह भी कहा कि इससे धार्मिक स्वतंत्रता पर असर पड़ सकता है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि इस कानून का उद्देश्य किसी समुदाय को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग को सुनिश्चित करना है।
अब क्या होगा?
लोकसभा में पारित होने के बाद अब वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 राज्यसभा में पेश किया जाएगा। अगर राज्यसभा में भी इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह कानून के रूप में लागू हो जाएगा।
यह विधेयक देशभर में वक्फ संपत्तियों को लेकर चल रहे विवादों को हल करने में कितना सफल होगा, यह आने वाले समय में साफ होगा।