भारत में लॉन्च हुई हवा से पानी बनाने वाली मशीन, जानें कीमत और खूबियां

अब हवा के जरिए भी पीने वाले पानी को जेनरेट किया जा सकता है।  ये अब केवल कल्पना नहीं है। इजरायल की कंपनी Watergen ने इसके लिए मशीन को भारत में भी पेश कर दिया है। इसके लिए कंपनी ने SMV Jaipuria Group के साथ पार्टनरशिप की है।   इस पार्टनरशिप से कंपनी Atmospheric Water Generators (AWG) प्रोडक्ट्स को कई कैटेगरी में भारत में पेश करेगी। ये मशीन एम्बियंट एयर से मिनरलाइज्ड, सेफ ड्रिकिंग वॉटर क्रिएट करती है। कंपनी ने कहा है ऑपरेशन स्टार्ट होने के एक साल के अंदर वो मैन्युफैक्चर यूनिट को भारत में लॉन्च करेगी।

भारत में इजरायली तकनीक पर आधारित हवा से पीने का पानी बनाने की मशीन बनाने की तैयारी है। इसके लिए इजरायली कंपनी का भारतीय कंपनी के साथ समझौता हुआ है। इजरायली कंपनी का कहना है कि भारत में उसने सभी तरह के पर्यावरण में अपने प्रोडक्ट की पड़ताल कर ली है, और राजस्थान जैसे कम नमी वाले इलाके में भी यह बेहतरीन तरीके से काम कर सकती है। फिलहाल भारतीय कंपनी इसके इजरायल से आयात करने पर विचार कर रही है, जब तक देश में इसका निर्माण शुरू नहीं हो जाता। यह मशीन एयर कंडीशनर वाली तकनीक पर काम करती है और इसमें फर्क ये है कि सर्द हवा की जगह पीने लायक स्वच्छ पानी निकलता है।

कंपनी ने Watergen प्रोडक्ट्स के वाइड रेंज को भी दिखाया। इसमें Genny, Gen-M1, Gen-M Pro and Gen-L शामिल हैं। इन उत्पादों की कैपिसिटी 30 लीटर से लेकर 6,000 लीटर रोज़ाना तक है। कंपनी ने फिलहाल कीमत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। माना जा रहा है कि इसकी कीमत 2.5 लाख रुपये से शुरू हो सकती है। कंपनी ने बताया है कि ये प्रोडक्ट्स स्कूल, अस्पताल, पार्क, घर, ऑफिस, रिजॉर्ट, कंस्ट्रक्शन साइट्स, गांव, रेसिडेंशियल बिल्डिंग और अन्य स्थानों पर बहुत काम आएगा। जहां पर ड्रिकिंग वॉटर की आवश्यकता होती है। ये हवा में मौजूद नमी का इस्तेमाल करके पानी बनाती है। इस डिवाइस में प्लग एंड प्ले टेक्नोलॉजी दी गई है। इसे आप किसी भी स्टैंडर्ड इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन या किसी अल्टरनेटिव एनर्जी सोर्स के साथ इंस्टॉल कर सकते हैं।

जानकारी के मुताबिक जयपुरिया ग्रुप फिलहाल इन डिवाइसों को आयात करने पर विचार कर रहा है। हालांकि, एटमोस्फेरिक वाटर जेनरेटर (एडब्ल्यूजी) सही तरीके से काम करने इसके लिए खास तापमान और हवा में उचित नमी का होना आवश्यक है। इसके सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी है कि हवा में नमी 30% या उससे अधिक रहे। लेकिन, जब बहुत ज्यादा ठंड होगी, तब भी यह तकनीक काम नहीं करेगी। वैसे वाटरजेन का दावा है कि उसके जो प्रोडक्ट हैं, वह 20% नमी में भी काम कर सकते हैं। कंपनी का कहना है कि वह राजस्थान समेत भारत के विभिन्न पर्यावरण वाले स्थानों में टेस्टिंग कर ली है और यह घरों के अंदर काफी अच्छे तरीके से काम करता है। टेस्टिंग की यह प्रक्रिया देश में लंबे वक्त से चल रही है।

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