क्या केशव प्रसाद मौर्य के बगावती तेवर ने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किले, यूपी में बड़े बदलाव तय

उत्तर प्रदेश में भाजपा की चुनावी हार ने पार्टी नेतृत्व की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। प्रदेश के नेताओं की बयानबाजी और आपसी कलह को थामने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को हस्तक्षेप करना पड़ा है। पार्टी के सामने 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं, लेकिन प्रदेश के नेता उसके लिए तैयारी करने के बजाय आपस में झगड़ने में लगे हैं। ऐसे में राज्य में जल्द कई बदलाव हो सकते हैं, लेकिन नेतृत्व किसी की मांग या दबाव में फैसला नहीं लेगा। हालांकि यह तय है कि उत्तर प्रदेश में बड़े बदलावों की इबारत लिखी जाने लगी है और हालात काबू में नहीं हुए तो बदलाव शीघ्र भी हो सकते हैं।

केशव प्रसाद मौर्य की बगावत ने बढ़ाई मुश्किले

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की नाराजगी मुखर होने के बाद पार्टी नेतृत्व भी अब सख्त दिख रहा है। सूत्रों के अनुसार पार्टी ने मौर्य की बातों को गंभीरता से तो लिया है, लेकिन उन्हें यह नसीहत भी दी है कि वह सरकार और संगठन में दरार पैदा न करें। केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का इंतजार करें और सरकार में ही सक्रिय रहें। इसके बाद लखनऊ जाकर मौर्य के सुर भी बदले नजर आने लगे हैं।

बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं गृह मंत्री अमित शाह की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात को भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह मुलाकात केशव मौर्य की पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की नड्डा व मोदी से हुई मुलाकातों के बाद हुई है।

तय हैं बड़े बदलाव

सूत्रों का कहना है कि यूपी में बड़े बदलाव तय हैं। हालांकि केंद्रीय नेतृत्व राज्य में होने वाले दस विधानसभा उपचुनाव तक इससे बचना चाहता है। इसके अलावा, अगले माह से संगठन चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू होने जा रही है। बदलाव में राज्य के सामाजिक समीकरण भी देखे जाएंगे और उसी के अनुसार फैसले होंगे। ब्राह्मण और दलित समुदाय पर पार्टी की खास नजर है, क्योंकि असंतोष की स्थिति में यह कांग्रेस की तरफ भी जा सकते हैं।

भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलेंगे मोदी

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए गुरुवार शाम को भाजपा मुख्यालय में चुनावी काम में लगे पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। इसके जरिए वह संगठन को नया संदेश भी देंगे और देशभर के कार्यकर्ताओं को भी साधने की कोशिश करेंगे। भाजपा की दिक्कत इसलिए भी बढ़ रही है कि अब बड़े नेताओं के खिलाफ भी नाराजगी सामने आने लगी है। ऐसे में प्रधानमंत्री खुद आगे आकर कार्यकर्ताओं से संवाद कर सबको साधने की कोशिश करेंगे।

 

 

साभार क्लिक इंडिया

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