धर्माचार्य ओमप्रकाश पांडे जी के मार्गदर्शन में जानें नवमी पूजन और पारण की विधि

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चंद्रघंटेति कुष्मांडेति चतुर्थकम_।।
पंचमं स्कंदमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रिति महागौरीति चाष्टमम_।।
नवमं सिद्धिदात्रि च नवदुर्गा: प्रकृर्तिता:।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना।।

आज चैत्र कृष्ण पक्ष की नवमी है रात में नवमी तिथि का आगमन हो चुका है। रात्रि 11:36 तक आज 6 अप्रैल को नवमी रहेगी। जिन लोगों ने व्रत नवरात्र में किया है उन्हें सांयकाल 5:36 के पश्चात और सूर्यास्त के पहले पारण कर लेना चाहिए।
नवमी के दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। सिद्धिदात्री माता समस्त सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं। आपके हाथ में शंख चक्र गदा कमल पुष्प है। जो भक्तों को अभय प्रदान करके उनकी समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। जिन भक्तों ने नवरात्रि में संपूर्ण व्रत किया है। वह भी आज सूर्यास्त के पहले पारण करें।


वैष्णव जन आज दोपहर तक नवमी का व्रत रहें और अभिजित मुहूर्त में भगवान का जन्मोत्सव मनाएं खीर और पूड़ी का ठाकुर जी को चकाचक भोग लगाएं।
दिनांक 6 अप्रैल को आज आज नवरात्र की समाप्ति हो रही है।
आठ अप्रैल को सब की कामदा एकादशी है।आप सभी को बहुत-बहुत बधाई बहुत-बहुत मंगल कामनाएं।

धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुजदास रामानुज आश्रम संत रामानुज मार्ग शिवजीपुरम प्रतापगढ़

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