ईमानदारी और बुद्धिमत्ता का अद्भुत उदाहरण: जानिए कैसे एक दुकानदार ने हल किया लक्ष्मी और दरिद्रता का विवाद
पौराणिक कथा के अनुसार, मां लक्ष्मी और दरिद्रता देवी के बीच खूबसूरती को लेकर विवाद हुआ। दोनों ने यह जानने के लिए शिवजी से प्रश्न किया कि उनमें से अधिक सुंदर कौन है।
शिवजी ने क्यों टाल दिया प्रश्न?
शिवजी ने इस कठिन सवाल का उत्तर देने से बचने के लिए उन्हें पृथ्वी पर किसी ईमानदार दुकानदार से उत्तर पूछने की सलाह दी।
दुकानदार ने कैसे सुझाया समाधान?
दोनों देवी भेष बदलकर एक नगर के ईमानदार दुकानदार के पास पहुँचीं। दुकानदार ने उन्हें अपनी दुकान के सामने पीपल के पेड़ तक जाकर वापस आने के लिए कहा।
‘जाते हुए सुंदर’ और ‘आते हुए सुंदर’ का रहस्य
जब दोनों वापस लौटीं, तो दुकानदार ने दरिद्रता देवी से कहा कि वह ‘जाते हुए सुंदर’ दिखती हैं और लक्ष्मी जी से कहा कि वह ‘आते हुए सुंदर’ दिखती हैं।
क्या मिला इस उत्तर का परिणाम?
इस चतुर उत्तर से दरिद्रता देवी फिर कभी उस ईमानदार दुकानदार के घर नहीं आईं, और मां लक्ष्मी हमेशा उनके घर में वास करने लगीं।
इस कहानी से मिलने वाले जीवन के महत्वपूर्ण सबक
1. ईमानदारी और बुद्धिमत्ता का महत्व सत्य और बुद्धिमत्ता से निर्णय लेने पर समस्याओं का समाधान भी होता है और सुख-समृद्धि भी बनी रहती है।
2. विचारशीलता और धैर्य जल्दबाजी में निर्णय लेने के बजाय सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए।
3. अच्छे कर्मों का प्रतिफल ईमानदारी और सद्गुणों से भरा जीवन हमेशा समृद्धि लाता है।
4. संकट में चतुराई से काम लेना समझदारी से कठिन परिस्थिति का हल निकाला जा सकता है, जैसा कि दुकानदार ने किया।
5. नेतृत्व और संतुलन की कला निर्णय ऐसा हो जिससे किसी का अनादर न हो और सभी में संतुलन बना रहे।
सत्य, ईमानदारी और विवेक से लिया गया हर निर्णय जीवन को समृद्ध और सुंदर बनाता है।