गले और फेफड़ों के बढ़ रहे कैंसर, जानें तंबाकू निषेध के लिए केंद्र सरकार के प्रयास : World No Tobacco Day

अच्छे स्वास्थ्य के लिए उचित आहार,निद्रा और संयमित जीवनशैली महत्वपूर्ण है। कोरोना काल में लोग इसके प्रति काफी जागरूक भी हुए हैं। लेकिन अभी भी कई लोग ऐसे हैं, जो तंबाकू से दूर नहीं हुए हैं और यही वजह है कि ऐसे लोगों को कोरोना और पोस्ट कोविड समेत तंबाकू के अधिक सेवन से होने वाली बीमारी ज्यादा देखने को मिली। व्यसन मुक्त होना भी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। यह व्यक्ति के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करता है। आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस है।

इसलिए मनाया जाता है विश्व तंबाकू निषेध दिवस

31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। इसके साथ-साथ तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों और मौतों को कम करना भी है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1987 में एक प्रस्ताव पारित किया गया था। उसे 7 अप्रैल, 1988 को ‘विश्व धूम्रपान निषेध दिवस’ के रूप में लागू किया गया है। इस अधिनियम के तहत लोगों को कम से कम 24 घंटे तक तंबाकू का उपयोग करने से रोकना था। हालांकि, बाद में इसे 31 मई से विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। वर्ष 2008 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तंबाकू से संबंधित किसी भी विज्ञापन या प्रचार पर भी प्रतिबंध लगा दिया।

तंबाकू से बढ़ रहे फेफड़े और गले के कैंसर

विश्व में तंबाकू के सेवन के कारण कैंसर के नए मरीज बढ़ रहे हैं। एशियन अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण बंसल बताते हैं कि हर महीने गले और सिर के कैंसर के 150 नए मरीज आते हैं, जिसमें से ज्यादातर मरीजों में तंबाकू का सेवन करते हैं। सारे मरीज 30 साल से ऊपर के हैं और इनमें से 20 प्रतिशत महिलाएं और 80 प्रतिशत पुरुष हैं। फेफड़ों के कैंसर के भी 50 से 60 नए मरीज सामने आ रहे हैं। इनमें से 80 प्रतिशत मरीजों में इसका कारण सिगरेट पीना है और 20 प्रतिशत मामले पर्यावरण प्रदूषण हो सकता है।

मरीजों की संख्या बढ़ रही

कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत मेहता बताते हैं कि तंबाकू का सेवन करने से खाने की नली के कैंसर के भी नए मरीज सामने आ रहे हैं। तंबाकू चबाने वाले ऐसे मरीजों की संख्या हर महीने 40-50 है जबकि इससे संबंधित पेट के कैंसर के भी 20 -25 नए मामले सामने आ रहे हैं। इसलिए तंबाकू के सेवन से बचना चाहिए। तंबाकू स्वास्थ्य के लिए न केवल सेवन करने वाले बल्कि उसके साथ रहने वालों के लिए भी खतरनाक है।

केंद्र सरकार के प्रयास

तंबाकू का सेवन बंद करने के लिए और लोगों को जागरूक करने के लिए भारत सरकार विभिन्न कार्यक्रम संचालित कर रही है। देश में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम लागू है, जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार लोगों को जागरूक करती है। कार्यक्रम का उद्देश्य तंबाकू उत्पादों के उपयोग को नियंत्रित करना है। वर्ष 2018 के बाद से राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में अधिक निवेश किया गया।

तंबाकू उत्पादों पर स्वास्थ्य चेतावनी जारी करने के निर्देश

केंद्र सरकार ने जुलाई, वर्ष 2020 में तंबाकू उत्पादों पर नई स्वास्थ्य चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए। तंबाकू के उत्पादन, निर्माण या वितरण से लगे किसी भी व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि तंबाकू उत्पाद पर वैधानिक चेतावनी लिखा गया है। इस चेतावनी में स्पष्ट रूप से यह उल्लेख होता है कि तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और सरकार द्वारा निर्देशित चित्र भी प्रकाशित करना होता है। देश में 1 दिसंबर 2020 से सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (पैकेजिंग और लेबलिंग) तृतीय संशोधन अनियम लागू है। तंबाकू उत्पाद या वितरण से जुड़ा कोई व्यक्ति अथवा प्रतिष्ठान अगर इस नियम का उल्लंघन करता है,तो उसके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाती है।

शैक्षणिक संस्थानों के पास तंबाकू सामग्री बेचने पर रोक

युवाओं को तंबाकू के सेवन से दूर रखने के लिए भी केंद्र सरकार ने कई प्रावधान किए हैं। किसी भी तरह के शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में भी तंबाकू सामग्री बेचने पर पूर्ण रोक लगाई है। ई-सिगरेट पर भी बैन लगाया गया है। 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को तंबाकू उत्पाद देना या बेचना पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया और ऐसा करने वाले पर दंडात्मक कार्यवाही की जाती है। छात्रों को जागरूक करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में तंबाकू निषेध विषय पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। तंबाकू के दुष्परिणामों से भी उन्हें अवगत कराकर, तंबाकू का सेवन नहीं करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसी का परिणाम है कि छात्र नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

तंबाकू से छुटकारा के लिए टोल फ्री नंबर

वैसे तो किसी भी तरह का नशा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। लेकिन अगर किसी कारण से व्यक्ति को तंबाकू की लत लग जाती है, तो व्यसन मुक्त होने के लिए केंद्र सरकार सहायता प्रदान करती है। इसके लिए टेलीफोन पर परामर्श की सुविधा दी जाती है। यह सुविधा अंग्रेजी-हिंदी समेत अन्य सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। टोल फ्री नम्बर 1800112356 पर फोन कर के विशेषज्ञों से तंबाकू सेवन छोड़ने के संबंध में परामर्श प्राप्त किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला स्तर पर भी नशा मुक्ति परामर्श केंद्र संचालित किया जाता है। इन केंद्रों पर भी तंबाकू सेवन छोड़ने के उपाय बताए जाते हैं और काउंसिलिंग की जाती है। अधिकाधिक इन केंद्रों से परामर्श प्राप्त कर व्यसन मुक्त हो रहे हैं।

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