कब हो सकते हैं जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव, जानिए संबंधित पूरी जानकारी

उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करने की सियासी दलों में होड़ मची हुई है। शह और मात के खेल में एक-दूसरे के दलों में सेंधमारी शुरू हो गई है। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम पिछले महीने पांच-छह मई को घोषित हो चुके हैं, लेकिन अब तक जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुखों के चुनाव की तारीख घोषित नहीं हो सकी है। सूत्रों के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव 20 जून तक संभावित हैं। इसके बाद ब्लाक प्रमुखों के चुनाव जुलाई माह के पहले हफ्ते में कराए जा सकते हैं।

आयोग ने यह तैयारी प्रदेश के पंचायतीराज विभाग के उस पत्र के आधार पर शुरू की है, जिसमें कहा गया है कि चूंकि जिला पंचायत अध्यक्ष के खाली पदों पर तैनात किए गए प्रशासकों का छह महीने का कार्यकाल 13 जुलाई को खत्म हो रहा है और इन प्रशासकों का कार्यकाल आगे और बढ़ाने के लिए कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव 12 जुलाई से पहले करवा लिए जाएं। वैसे तो ब्लॉक प्रमुख के रिक्त पदों पर तैनात प्रशासकों का कार्यकाल 17 सितंबर को समाप्त हो रहा है। लेकिन सूत्रों की मानें तो आयोग जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही ब्लॉक प्रमुख के चुनाव करवाने की तैयारी कर रहा है।

अभी ग्राम पंचायतों में प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य आदि के लिए खाली पड़े पदों पर उपचुनाव की प्रक्रिया चल रही है जिसपर 12 जून को इस उपचुनाव का मतदान होना है। 14 जून को उपचुनाव की मतगणना होनी है। इसलिए उपचुनाव की यह प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के पदों के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू करवा दी जाएगी।

जिला पंचायत अध्यक्ष के कुल 75 पद हैं। इन पदों पर कुल 3050 चुने हुए जिला पंचायत सदस्य अपने में से ही किसी एक को अध्यक्ष चुनेंगे। अप्रत्यक्ष चुनाव होने के बावजूद इन पदों के लिए राजनीतिक दलों की में जबर्दस्त रस्साकशी चल रही है। इसी तरह ब्लॉक प्रमुख के कुल 826 पदों के लिए कुल 75852 चुने हुए क्षेत्र पंचायत सदस्य अपने बीच में से किसी एक को ब्लॉक प्रमुख चुनेंगे। इस चुनाव के लिए भी राजनीतिक दलों में होड़ मची हुई है।

जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के लिए शह-मात के खेल में दल से कहीं ज्यादा धनबल का खेल होता है। सूत्रों के मुताबिक इस बार जिला पंचायत सदस्यों के लिए ऑफर 5
से 50 लाख तक पहुंच गया है जबकि ब्लॉक प्रमुख के लिए बीडीसी सदस्यों को लुभाने के लिए 50 हजार से 5 लाख तक के ऑफर हैं। वोटों की खरीद फरोख्त का यह सिलसिला लगभग सभी जिलों में जारी है। जहां मुकाबला कड़ा है, वहां वोटों की बोली आसमान छू रही है। नगदी के अलावा लक्जरी गाड़ी का मोलभाव भी होता है। जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखों के चुनाव में हो रहा विलंब उम्मीदवारों को भारी पड़ता जा रहा है।

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